Vishwakarma Puja 2025: तीन शुभ संयोग, जानें पूजा का मुहूर्त और महत्व
इस साल Vishwakarma Puja 2025 पर तीन महत्वपूर्ण शुभ संयोग बन रहे हैं। 17 सितंबर को यह विशेष पूजा मनाई जाएगी। बिहार, झारखंड और अन्य राज्यों में इस दिन कारखानों, गाड़ियों, उपकरणों और कार्यालयों में भगवान विश्वकर्मा की विधिवत पूजा होती है।
इस दिन इंदिरा एकादशी का संयोग बन रहा है, साथ ही सूर्य देव कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। इसलिए यह दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद शुभ माना जाता है। 17 सितंबर को सूर्य देव देर रात 01:54 बजे कन्या राशि में गोचर करेंगे। महा पुण्य काल सुबह 05:36 से 07:39 तक रहेगा। इसके अलावा एकादशी तिथि मंगलवार देर रात 12:21 बजे से प्रारंभ होकर बुधवार रात 11:39 बजे तक रहेगी। इसलिए पूजा बुधवार को मनाई जाएगी।
पूजा का शुभ मुहूर्त
सुबह 07:00 से शाम 08:00 बजे तक
विशेष अभिजीत मुहूर्त: प्रातः 11:15 से 12:25 बजे
दोपहर 13:00 से 14:15 बजे
धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व
- व्रत रखने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और व्यक्ति को पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है।
- मशीनों और औजारों की साफ-सफाई कर उन पर पुष्प, अक्षत और दीप अर्पित किए जाते हैं।
- कामकाजी लोग अपने उपकरणों को दिव्य शक्ति मानकर पूजा करते हैं और नए कार्यों की शुरुआत करते हैं।
- यह पूजा व्यापार में वृद्धि, कार्य में सफलता और समृद्धि का आशीर्वाद देती है।
तीन शुभ संयोग का महत्व
इंदिरा एकादशी: पितरों को सद्गति मिलती है।
कन्या संक्रांति: दान-पुण्य और धार्मिक कार्यों के लिए अनुकूल समय।
विश्वकर्मा पूजा: सृजन, शिल्प और प्रगति के देवता की आराधना से जीवन में रचनात्मक ऊर्जा का संचार होता है।