SP Office Self-Immolation: लखनऊ में सपा कार्यालय के बाहर युवक की मौत
लखनऊ में सपा कार्यालय के बाहर आत्मदाह करने वाले युवक योगेंद्र गोस्वामी की मौत हो गई है। 10 सितंबर को उसने पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी और छह दिन तक अस्पताल में इलाज चलने के बाद सोमवार रात दम तोड़ दिया।
योगेंद्र ने आग लगाने से पहले अपने जीवन और बहन की इज्जत की रक्षा के लिए यह कदम उठाया। उसकी बहन समा परवीन ने बताया कि उसके साथ हुई छेड़छाड़ और मारपीट के मामले में पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी। पूर्व विधायक के प्रभाव की वजह से शिकायतें न सुनी जाने के चलते योगेंद्र ने अखिलेश यादव से मिलने की कोशिश की।
आग लगाने की घटना 10 सितंबर को दोपहर करीब 3 बजे हुई, जब 48 वर्षीय योगेंद्र ने सपा कार्यालय के बाहर खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने आग बुझाई और उसे सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। उसकी हालत नाजुक होने के कारण उसे बाद में KGMU रेफर किया गया। इलाज के बावजूद छह दिन बाद उसने दम तोड़ दिया।
योगेंद्र ने बताया कि मोहल्ले के तीन भाई – दानिश, वसीम और नाजिम – ने उससे 6 लाख रुपए उधार लिए थे और पैसे मांगने पर धमकाते थे। इसके अलावा, उसकी बहन के कारखाने में हुए झगड़े और पुलिस की लापरवाही ने उसे मानसिक रूप से बहुत परेशान कर दिया। बहन की इज्जत और न्याय के लिए योगेंद्र लगातार संघर्ष कर रहा था।
जांच में यह भी सामने आया कि योगेंद्र को कुछ साल पहले उसकी मुंहबोली बहन और भाई ने आग लगाने के लिए उकसाया था। उनके खिलाफ आत्मदाह के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा कि मामले की विवेचना जारी है और साक्ष्यों के आधार पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
योगेंद्र की मौत से परिवार और स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश फैल गया है। लोग आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। पुलिस पूरे मामले की जांच गंभीरता से कर रही है। इस घटना ने यूपी में सपा कार्यालय और स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं।