जनवरी में आयोजित होने वाले Prayagraj माघ मेला 2025 को लेकर परिवहन व्यवस्था को अंतिम रूप दे दिया गया है। श्रद्धालुओं की आवाजाही को सुचारु बनाए रखने के लिए Lucknow से प्रयागराज रूट पर लखनऊ रोडवेज की 300 बसें लगाई गई हैं। बसों के संचालन और निगरानी के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी भी तय कर दी गई है।
पहले 500 बसों का प्रस्ताव, फिलहाल 300 पर फैसला
माघ मेला को ध्यान में रखते हुए शुरुआत में प्रयागराज के लिए 500 बसें चलाने का प्रस्ताव रखा गया था। हालांकि, यात्री संख्या के आकलन के बाद योजना में संशोधन किया गया और फिलहाल 300 बसें ही लगाने का निर्णय लिया गया। अधिकारियों का कहना है कि यह संख्या स्थायी नहीं है और आवश्यकता पड़ने पर बसों की संख्या बढ़ाई जा सकती है।
Lucknow के 7 डिपो से भेजी गईं बसें
माघ मेला के लिए लखनऊ के रायबरेली, चारबाग, कैसरबाग, अवध, आलमबाग, हैदरगढ़ और बाराबंकी डिपो से बसें लगाई गई हैं। इनमें अकेले लखनऊ डिपो की करीब 100 बसें शामिल हैं। बसों का संचालन प्रमुख मार्गों और स्नान पर्वों के शेड्यूल को ध्यान में रखकर किया जाएगा।
भीड़ बढ़ी तो तुरंत बढ़ेगी बसों की संख्या
रोडवेज अधिकारियों के अनुसार, प्रमुख स्नान पर्वों और विशेष तिथियों पर श्रद्धालुओं की संख्या में अचानक इजाफा होता है। ऐसे में जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त बसें तुरंत रूट पर उतारी जाएंगी। बस संचालन की लगातार समीक्षा की जाएगी, ताकि यात्रियों को लंबा इंतजार न करना पड़े।
यात्रियों की सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता
परिवहन निगम का दावा है कि माघ मेला के दौरान श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए कंट्रोल रूम के जरिए बसों की रियल-टाइम निगरानी की जाएगी। अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती इसी उद्देश्य से की गई है, ताकि भीड़ के दबाव को देखते हुए समय पर रूट और बसों की संख्या में बदलाव किया जा सके।








