राजधानी लखनऊ में स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। चरित्र सत्यापन के दौरान 500 से अधिक स्कूल वाहन चालक आपराधिक प्रवृत्ति के पाए गए। पुलिस जांच में इनके खिलाफ आपराधिक रिकॉर्ड सामने आने के बाद उनके प्रमाण पत्र रोक दिए गए हैं। अब इन पर सख्त कार्रवाई करते हुए ड्राइविंग बैन लगा दिया गया है।
बिना सत्यापन स्कूल वाहन चलाने की नहीं मिलेगी अनुमति
गुरुवार को मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने स्पष्ट किया कि जब तक चरित्र सत्यापन और ड्राइविंग लाइसेंस की जांच पूरी नहीं होती, किसी भी चालक को स्कूल वाहन चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यानी आपराधिक प्रवृत्ति वाले स्कूल वाहन चालक अब बच्चों की जान जोखिम में नहीं डाल पाएंगे।
भरोसा पोर्टल पर पंजीकरण और जांच
स्मार्ट सिटी की ओर से संचालित भरोसा पोर्टल पर अब तक 5200 स्कूली वाहन, 2545 चालक, 197 कंडक्टर व हेल्पर और 470 स्कूल पंजीकृत हो चुके हैं। इनमें से करीब 1000 चालकों का सत्यापन पूरा कर मिशन भरोसा स्मार्ट कार्ड जारी किया गया है। बाकी का सत्यापन तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
पुलिस और मिशन भरोसा की जिम्मेदारी
बैठक में मंडलायुक्त ने कहा कि यूपी कॉप पोर्टल पर आने वाले चरित्र सत्यापन आवेदन सीधे बच्चों की सुरक्षा से जुड़े हैं। ऐसे में पुलिस और मिशन भरोसा टीम की जिम्मेदारी है कि सभी लंबित मामलों का जल्द निस्तारण किया जाए।
ड्राइविंग बैन पर कड़ा रुख
अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि जिन चालकों का आपराधिक रिकॉर्ड पाया गया है, उन पर स्थायी ड्राइविंग बैन लगाया जाएगा। इससे लखनऊ में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी।