समाजवादी पार्टी (सपा) को उत्तर प्रदेश में बड़ी कानूनी राहत मिली है।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुरादाबाद स्थित सपा जिला कार्यालय को खाली कराने के प्रशासनिक आदेश को रद्द कर दिया है।कोर्ट के इस फैसले से सपा कार्यकर्ताओं और नेताओं में खुशी की लहर है।हाईकोर्ट ने माना कि प्रशासन द्वारा जारी किया गया नोटिस कानूनी प्रक्रिया और उचित तथ्यों पर आधारित नहीं था।इसलिए, मुरादाबाद में सपा कार्यालय का आवंटन निरस्त करने का निर्णय रद्द कर दिया गया।
विवाद की पृष्ठभूमि: प्रशासन ने दिया था नोटिस
16 सितंबर को मुरादाबाद प्रशासन ने समाजवादी पार्टी के जिला कार्यालय का आवंटन निरस्त कर दिया था।नोटिस में कहा गया था कि यह भवन नजूल भूमि पर बना है, जो नगर निगम के अधीन आती है।प्रशासन ने आदेश दिया था कि नोटिस की अवधि पूरी होने के बाद नगर निगम भवन पर कब्जा लेगा।इससे पहले, 30 जुलाई को भी सपा जिलाध्यक्ष को नोटिस भेजकर कार्यालय खाली करने को कहा गया था।सपा नेताओं ने जवाब में कहा था कि पार्टी का कब्जा पूरी तरह वैध है और भवन का किराया नियमित रूप से जमा किया जाता है।
सपा ने बताया भेदभावपूर्ण कदम
पार्टी ने इस आदेश को राजनीतिक और भेदभावपूर्ण बताते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।सपा का कहना था कि उन्होंने कभी नियमों का उल्लंघन नहीं किया और सभी बकाया समय पर भरे गए हैं।पार्टी ने तर्क दिया कि यह कार्रवाई राजनीतिक द्वेष के चलते की गई है।
कोर्ट का निर्णय: प्रशासन का आदेश रद्द
मामले की सुनवाई के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रशासन का आदेश रद्द कर दिया।कोर्ट ने माना कि नोटिस की प्रक्रिया में आवश्यक तथ्यों और कानूनी बिंदुओं पर पर्याप्त विचार नहीं किया गया।हाईकोर्ट ने कहा कि प्रशासन का निर्णय असंगत और मनमाना प्रतीत होता है।इस आदेश के बाद सपा कार्यकर्ताओं ने इसे “न्याय और लोकतंत्र की जीत” बताया है।








