UP Health Dept Action: बाहर की दवा लिखने वाले डॉक्टर सस्पेंड होंगे, सीएमएस भी होंगे जिम्मेदार
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी अस्पतालों में बाहर की ब्रांडेड दवा लिखने वाले डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं। UP Health Department के अपर मुख्य सचिव अमित कुमार घोष ने आदेश दिया है कि जो भी डॉक्टर Plain Prescription पर बाहर की दवा लिखता पाया जाएगा, उस पर निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।
सरकारी अस्पतालों में जेनेरिक दवा लिखना अनिवार्य
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, UPMSC द्वारा भेजी जाने वाली करीब 200 से अधिक दवाएं अस्पतालों में उपलब्ध हैं। इसके अलावा, मरीजों के लिए Jan Aushadhi Kendra से जेनेरिक दवाएं सस्ती दरों पर उपलब्ध हैं।फिर भी कई डॉक्टर अस्पताल की कुछ दवाओं के साथ सादी पर्ची पर बाहर की महंगी ब्रांडेड दवाएं लिख रहे हैं।
UP Health Dept ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए चेतावनी दी है कि यदि ऐसा दोबारा पाया गया, तो संबंधित डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया जाएगा।
ओपीडी समय पर मौजूद न होने पर भी होगी कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि निर्धारित समय पर ओपीडी कक्ष में डॉक्टर की अनुपस्थिति पर भी कार्रवाई की जाएगी।इस स्थिति में संबंधित डॉक्टर के साथ चिकित्सा अधीक्षकऔर मुख्य चिकित्सा अधीक्षकको भी जिम्मेदार ठहराया जाएगा। UP Health Dept ने सभी सीएमएस को निर्देश दिया है कि वे रोजाना तीन बार अस्पताल का निरीक्षण करें और कमियां तुरंत सुधारें।
15 नवंबर से शुरू होगा औचक निरीक्षण अभियान
15 नवंबर 2025 के बाद शासन स्तर की टीमें राज्य के विभिन्न जिलों में औचक निरीक्षण करेंगी। इन टीमों का उद्देश्य है—सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की उपस्थिति, दवा वितरण प्रणाली और मरीजों को दी जा रही सेवाओं की गुणवत्ता की जांच करना।
मरीज कर सकेंगे शिकायत
यदि कोई डॉक्टर सादी पर्ची पर बाहर की दवा लिखता है, तो मरीज सीधे अस्पताल के अधीक्षक या मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को शिकायत कर सकते हैं।सुनवाई न होने की स्थिति में शिकायत महानिदेशक स्वास्थ्य को भेजी जा सकती है।








