Breaking News

Supreme Court News: हाईकोर्ट की शक्तियों पर बड़ी बहस

सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट की शक्तियों और जजों की नियुक्ति नीति पर सुनवाई हुई

Supreme Court News: हाईकोर्ट की शक्तियों और जजों की नियुक्ति पर संविधान पीठ में बड़ी बहस

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को एक अहम संवैधानिक सुनवाई हुई, जिसमें देशभर की निचली अदालतों की वरिष्ठता और हाईकोर्ट जजों की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर गहन बहस हुई।मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई की अध्यक्षता में पांच जजों की संविधान पीठ ने इस मुद्दे पर विस्तृत सुनवाई की।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा – सुप्रीम कोर्ट अपनाए ‘हैंड्स ऑफ’ नीति

सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ने दलील दी कि निचली अदालतों की वरिष्ठता और पदोन्नति तय करने का अधिकार संविधान के भाग VI, अध्याय VI के तहत हाईकोर्ट को ही प्राप्त है।उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में “Hands Off Policy” अपनानी चाहिए, क्योंकि यह मामला हाईकोर्ट की संवैधानिक शक्तियों के दायरे में आता है।

वरिष्ठ वकील ने तर्क दिया कि प्रत्येक राज्य की परिस्थितियाँ अलग होती हैं, इसलिए हाईकोर्ट अपने अधीनस्थ न्यायपालिका पर पूर्ण नियंत्रण  रखते हुए स्वयं निर्णय लेने में सक्षम हैं।

CJI बोले – उद्देश्य अधिकार छीनना नहीं, एकरूपता लाना है

मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट का इरादा हाईकोर्ट की शक्तियाँ कमज़ोर करना नहीं है।उन्होंने कहा, “हम हाईकोर्ट की विवेकाधीन शक्ति नहीं छीनेंगे, बल्कि केवल न्यायिक प्रणाली में एकरूपतालाना चाहते हैं।”पीठ में शामिल जस्टिस सूर्यकांत ने भी कहा कि यह सुनवाई किसी की वरिष्ठता तय करने के लिए नहीं, बल्कि दिशानिर्देश  तय करने के लिए है।

हाईकोर्ट को मज़बूत करें, कमज़ोर नहीं – राकेश द्विवेदी

बहस के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि हाईकोर्ट्स को संवैधानिक रूप से मज़बूत बनाए जाने की ज़रूरत है, ताकि वे अपने अधीनस्थ न्यायपालिका की नियुक्ति और पदोन्नति प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से चला सकें।उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व दिशा-निर्देशों ने कई बार प्रक्रिया को उलझाया है, इसलिए “प्रयोग और गलती की प्रक्रिया (Trial and Error)” को हाईकोर्ट्स पर ही छोड़ा जाए।

जिला जजों की भर्ती और पदोन्नति पर चर्चा

सुनवाई के दौरान जिला जजों की पदोन्नति और प्रत्यक्ष भर्ती को लेकर भी बहस हुई।वरिष्ठ वकील ने कहा कि दोनों मार्ग “अलग रास्ते” हैं, लेकिन मंज़िल एक ही है — हाईकोर्ट जज की कुर्सी।सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने भी इस बात पर सहमति जताई कि देशभर में एक समान नियुक्ति नीति  की आवश्यकता हो सकती है।

अन्य ख़बर पढ़े।

WhatsApp
Facebook
X
Threads

Related Posts

  • All Post
  • Other
  • अयोध्या
  • आगरा
  • उत्तरप्रदेश
  • क्राइम
  • खेल
  • पर्व-त्यौहार
  • बड़ी खबर
  • मनोरंजन
  • राजनीति
  • राजस्थान
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विदेश
  • शिक्षा
  • सरकारी नौकरी
  • स्वास्थ्य
    •   Back
    • प्रयागराज
    • लखनऊ
    • Unnao
    • कानपुर
    • बाराबंकी
    • उन्नाव
    • अयोध्या
    • नई दिल्ली
    • आगरा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Breaking News

Categories

Trending News

  • All Posts
  • Other
  • अयोध्या
  • आगरा
  • उत्तरप्रदेश
  • क्राइम
  • खेल
  • पर्व-त्यौहार
  • बड़ी खबर
  • मनोरंजन
  • राजनीति
  • राजस्थान
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विदेश
  • शिक्षा
  • सरकारी नौकरी
  • स्वास्थ्य
    •   Back
    • प्रयागराज
    • लखनऊ
    • Unnao
    • कानपुर
    • बाराबंकी
    • उन्नाव
    • अयोध्या
    • नई दिल्ली
    • आगरा

Lucknow News

Tags

Follow Us

Edit Template