राम मंदिर दर्शन बंद रहेंगे 25 नवंबर को, अयोध्या में ध्वजारोहण समारोह की तैयारी पूरी
अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में 25 नवंबर को भव्य ध्वजारोहण समारोह का आयोजन किया जाएगा।यह समारोह श्रीराम जन्मभूमि निर्माण की पूर्णता का प्रतीक होगा।मंदिर परिसर में तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं, और सेना की मदद से तकनीकी रूप से सटीक व्यवस्था की जा रही है।
25 नवंबर को नहीं होंगे आम श्रद्धालुओं के लिए दर्शन
मंदिर ट्रस्ट ने स्पष्ट किया है कि 25 नवंबर को आम श्रद्धालु रामलला के दर्शन नहीं कर सकेंगे।इस दिन केवल आमंत्रित अतिथि और विशेष प्रतिनिधि ही कार्यक्रम में शामिल होंगे।राम मंदिर दर्शन अगले दिन यानी 26 नवंबर से सामान्य रूप से शुरू हो जाएंगे।मंदिर के शिखर पर फहराया जाने वाला ध्वज आस्था और गौरव का प्रतीक होगा।
यह समारोह पूरे देश और विश्व के सिखरों पर भारत की सांस्कृतिक पहचान को प्रदर्शित करेगा।
सेना की मदद से चल रही तैयारी
सूत्रों के मुताबिक, करीब 11 किलो वजनी ध्वज को सेना की टीम द्वारा ट्रायल के बाद शिखर पर फहराया जाएगा।ध्वज की लंबाई 22 फीट और चौड़ाई 11 फीट होगी।सेना ने ध्वजारोहण की पूरी रिहर्सल पूरी कर ट्रस्ट को रिपोर्ट सौंप दी है।यह आयोजन तकनीकी दृष्टि से चुनौतीपूर्ण है, इसलिए सभी सुरक्षा और संरचनात्मक मानकों का पालन किया जा रहा है।ध्वज को पैराशूट फैब्रिक से तैयार किया जाएगा ताकि ऊंचाई पर भी वह मजबूती से लहराता रहे।
इस पर कोबेदार वृक्ष और भगवान सूर्य का प्रतीक अंकित होगा, जो ऊर्जा, दिव्यता और आस्था का प्रतिनिधित्व करेगा।
26 नवंबर से फिर खुलेंगे श्रीराम जन्मभूमि के कपाट
ध्वजारोहण के दिन लगभग आठ हजार श्रद्धालुओं को आमंत्रित किया गया है।इस दिन परकोटा और सप्त मंदिरों में दर्शन नहीं होंगे, लेकिन अगले दिन से सभी श्रद्धालुओं के लिए कपाट खोल दिए जाएंगे।मंदिर परिसर में अब कोई नया निर्माण कार्य नहीं होगा।सिर्फ रेलिंग, म्यूरल और सुंदरीकरण कार्य अंतिम चरण में हैं।ट्रस्ट का लक्ष्य है कि श्रद्धालु मंदिर की भव्यता का दर्शन कर सकें।








