Ayodhya Ram Mandir: मुख्य मंदिर निर्माण पूरा, परकोटे के 6 मंदिर तैयार; 25 नवंबर को शिखर पर लहराएगा भगवा ध्वज
अयोध्या से बड़ी खबर आई है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ (X) हैंडल पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि अयोध्या राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरी तरह से पूरा हो गया है।ट्रस्ट ने बताया कि मुख्य मंदिर, परकोटे के छह मंदिर, और सप्त मंडप के सभी मंदिरों का कार्य अब पूर्णता प्राप्त कर चुका है।इन सभी मंदिरों पर ध्वजदंड और कलश भी स्थापित किए जा चुके हैं।
Ayodhya Ram Mandir Construction Update 2025
श्रीराम मंदिर का मुख्य ढांचा अब पूरी तरह तैयार है।परकोटे (परिसर) में भगवान शिव, भगवान गणेश, भगवान हनुमान, सूर्यदेव, देवी भगवती, देवी अन्नपूर्णा और शेषावतार के छह मंदिर पूर्ण रूप से निर्मित हैं।इनके साथ-साथ सप्त मंडप —महर्षि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, शबरी और ऋषि पत्नी अहल्या के मंदिर भी बनकर तैयार हैं।इसके अतिरिक्त संत तुलसीदास मंदिर, जटायु और गिलहरी की प्रतिमाएं भी स्थापित की जा चुकी हैं।ट्रस्ट ने कहा कि “मंदिर निर्माण से जुड़े सभी प्रमुख कार्य अब पूर्ण हो चुके हैं”, जिससे देशभर के रामभक्तों में उत्साह है।
Darsanarthi Suvidha: दर्शन व्यवस्था और सौंदर्यीकरण कार्य पूर्ण
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने बताया कि दर्शनार्थियों की सुविधा से जुड़े सभी कार्य पूरे हो चुके हैं।
मंदिर परिसर की सड़कें, फर्श और लैंडस्केपिंग का कार्य L&T द्वारा पूरा कर लिया गया है।
भूमि सौंदर्यीकरण, हरियाली और पंचवटी निर्माण का कार्य GMR द्वारा किया जा रहा है, जो अंतिम चरण में है।
पंचवटी क्षेत्र में 10 एकड़ में लैंडस्केपिंग और वृक्षारोपण का कार्य तेजी से चल रहा है।
अब कौन से कार्य बाकी हैं?
कुछ संरचनात्मक कार्य अभी जारी हैं, जिनका सीधा संबंध दर्शनार्थियों से नहीं है।
इनमें शामिल हैं —
3.5 किलोमीटर लंबी चारदीवारी (परकोटा)
श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट कार्यालय भवन
अतिथि गृह और सभागार (Auditorium) का निर्माण कार्य
ये सभी कार्य नवंबर 2025 तक पूरे होने की संभावना है।
25 नवंबर को लहराएगा भगवा ध्वज
अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण समारोह की तैयारियां ज़ोरों पर हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को राम मंदिर के 161 फुट ऊंचे शिखर पर 22×11 फीट का भगवा ध्वज फहराएंगे।यह ध्वजारोहण समारोह प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तरह ही भव्य होगा और मंदिर निर्माण पूर्ण होने का प्रतीक माना जाएगा।








