Mahalakshmi Vrat 2025: आखिरी शुक्रवार पर ऐसे करें लक्ष्मी जी की पूजा और पाएं सुख-समृद्धि
महालक्ष्मी व्रत का महत्व
Mahalakshmi Vrat 2025 भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष अष्टमी से शुरू होकर आश्विन मास की कृष्ण पक्ष अष्टमी तक चलता है। मान्यता है कि इस व्रत को श्रद्धा से करने पर साधक को धन संबंधी समस्याओं से मुक्ति मिलती है और घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
महालक्ष्मी व्रत का आखिरी शुक्रवार क्यों खास?
इस व्रत में आने वाला शुक्रवार अत्यंत शुभ माना जाता है। कहते हैं कि इस दिन अगर सही विधि से Mahalakshmi Puja Vidhi अपनाई जाए तो साधक को माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
क्या करें महालक्ष्मी व्रत के दौरान?
पवित्र धागा बांधें: इस व्रत में कलाई पर 16 गांठ वाला पवित्र धागा बांधा जाता है, जो देवी लक्ष्मी के 16 स्वरूपों का प्रतीक है। व्रत के बाद इस धागे को तिजोरी या धन स्थान पर रखने से Lakshmi Ji Blessings मिलती हैं और घर में धन की कमी नहीं रहती।
दान करें: व्रत के दौरान जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, मिठाई, दूध, चावल और सफेद वस्त्रों का दान करना बेहद शुभ माना गया है। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
साफ-सफाई रखें: हिंदू मान्यताओं के अनुसार, मां लक्ष्मी उसी घर में वास करती हैं जहां स्वच्छता होती है। इसलिए घर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
व्रत के नियम
- नमक का सेवन वर्जित है।
- केवल सात्विक भोजन करें।
- खट्टी और नमकीन चीजों से परहेज़ करें।