नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान, जिसे लखनऊ चिड़ियाघर के नाम से जाना जाता है, ने 29 नवंबर को अपना 104वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर चिड़ियाघर परिसर में विशेष कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसमें वरिष्ठ अधिकारी, कर्मचारी और बड़ी संख्या में वन्यजीव प्रेमी शामिल हुए।
स्थापना दिवस पर पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ी और जब टाइगर धूप में बाहर आया, तो लोगों के चेहरे खिल उठे। बड़ी तादाद में आए स्थानीय और बाहरी जिलों के पर्यटकों ने इस पल को अपने कैमरों में कैद किया।
104 साल का सफर—आधुनिक सुविधाओं से हुआ अपग्रेड
चिड़ियाघर के प्रबंधन ने बताया कि पिछले 100 से अधिक वर्षों में लखनऊ जू ने—
अपनी संरचना में कई आधुनिक बदलाव किए,
नए एनक्लोज़र तैयार किए,
डिजिटल सुविधाएँ जोड़ीं,
और वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाई।
यह सफर चिड़ियाघर को प्रदेश के सबसे आधुनिक प्राणी उद्यानों में शामिल करता है।
बच्चों और पर्यटकों का उत्साह—स्कूल टूर से बढ़ी रौनक
शनिवार को कई स्कूलों की बच्चों की टीमें चिड़ियाघर के टूर पर पहुंचीं।
टाइगर, लेपर्ड और अन्य वन्यजीवों को देखने का बच्चों में उत्साह दिखा।
पर्यटकों ने टाइगर को धूप सेंकते हुए कैमरे में रिकॉर्ड किया।
गुलाबी मौसम में वन्यजीवों की गतिविधियाँ देखने को अधिक मिलीं।
लखनऊ संग्रहालय का आकर्षण—नेहरू का ‘राजहंस’ विमान
स्थापना दिवस के अवसर पर कई पर्यटकों ने पास स्थित लखनऊ संग्रहालय में रखे पंडित जवाहरलाल नेहरू के रूसी विमान ‘राजहंस’ को भी देखा।यह संग्रहालय और चिड़ियाघर का संयुक्त क्षेत्र पर्यटन का बड़ा केंद्र बन चुका है।








