लखनऊ गणेश उत्सव 2025: थीम पंडालों की भव्यता, शिवलिंग पंडाल बना आकर्षण
राजधानी लखनऊ गणेश उत्सव 2025 धूमधाम और भव्यता के साथ मनाया जा रहा है। शहर के कई इलाकों में गणपति बप्पा के पंडाल अलग-अलग थीम पंडाल के रूप में सजाए गए हैं। भक्तों के लिए यह आयोजन आस्था, कला और संस्कृति का अद्भुत संगम लेकर आया है।
अक्षरधाम मंदिर जैसा थीम पंडाल
झूलेलाल वाटिका में लगभग 15 हजार वर्ग फुट में फैला और 85 फीट ऊंचा पंडाल बनाया गया है। यह पंडाल दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर की तर्ज पर तैयार किया गया है। यहां “मनौतियों के राजा” थीम के साथ बने पंडाल की खूबसूरती भक्तों को आकर्षित कर रही है। कोलकाता के कारीगरों द्वारा बनाए गए इस भव्य पंडाल पर 50 लाख रुपए से अधिक खर्च किया गया।
निशातगंज का शिवलिंग पंडाल
लखनऊ गणेश उत्सव 2025 का एक बड़ा आकर्षण निशातगंज पेपर मिल कॉलोनी का शिवलिंग पंडाल है। इस पंडाल को तैयार करने में 20 दिन से अधिक का समय और लगभग 12 लाख रुपए का खर्च आया। शिवलिंग जैसे स्वरूप में बने इस अनोखे पंडाल ने भक्तों को भगवान शंकर और गणपति दोनों का दिव्य आशीर्वाद एक साथ पाने का अनुभव कराया।
गोमतीनगर का रंग-बिरंगा पंडाल
गोमतीनगर के हुसड़िया चौराहा और शहीद पथ फ्लाईओवर के पास बने पंडाल को कई मंदिरों की थीम को मिलाकर सजाया गया है। यह पंडाल लाल और पीले रंगों की सजावट से भक्तों को आकर्षित कर रहा है।
पत्रकारपुरम का मंदिर संकलन पंडाल
पत्रकारपुरम चौराहे पर बने पंडाल की खासियत यह है कि इसे किसी एक मंदिर की तर्ज पर नहीं बल्कि कई मंदिरों के संकलन से तैयार किया गया है। इस पंडाल पर 11 लाख से अधिक का खर्च आया और इसे तैयार करने में लगभग 12 दिन का समय लगा। हर साल यहां का पंडाल और भी भव्य और दिव्य स्वरूप लेता है।
भक्तों की आस्था और अनुभव
लखनऊ गणेश उत्सव 2025 के दौरान भक्तों ने इन थीम पंडालों की सुंदरता और भव्यता को सराहा। किसी ने इसे दिव्य वातावरण बताया तो किसी ने कहा कि दूर से ऐसा लगा मानो भगवान शंकर के दर्शन हो रहे हों। श्रद्धालुओं का मानना है कि इस तरह के भव्य आयोजन शहर की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को और मजबूत करते हैं।