
उत्तर प्रदेश में लखनऊ स्थित ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा के आवास के बाहर बिजली कर्मचारियों ने निजीकरण और उत्पीड़न के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। आरोप है कि मुरादाबाद में कई इंजीनियरों को निलंबित कर दिया गया है, जिसने कर्मचारियों में भारी रोष जगा दिया। विरोधकारियों ने समझौतों का उल्लंघन और दबावयुक्त कार्रवाई के विरोध में जोरदार नाराबाजी की।
Vidyut Karmachari Sanyukt Sangharsh Samiti सहित बिजली कर्मचारियों ने निजीकरण की योजना के खंडन और कथित उत्पीड़न के खिलाफ मोर्चा संभाला है। मुरादाबाद स्थित बिजली निगम में इंजीनियरों के निलंबन से कर्मचारियों का आक्रोश बढ़ा है—उन्होंने इसे समझौतों की अवहेलना और मनमानी कार्रवाई बताया
भाजपा नेतृत्व वाले राज्य में कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार पावर कॉरपोरेशन के निदेशक स्तर पर निजीकरण की तैयारी कर रही है और इसमें महंगी फर्में सलाहकार के रूप में शामिल हैं। इस पर विरोध के रूप में कर्मचारियों ने कर्मचारियों ने संघर्ष समिति के नेतृत्व में प्रदर्शन किया—निजीकरण नीति को जन-विरोधी बताया गया है