देश की सुरक्षा एजेंसियों की चल रही बड़ी जांच में लखनऊ और अयोध्या कनेक्शन तेजी से प्रमुख फोकस बन गया है। इस केस में एक डॉक्टर, जो कभी मेडिकल जगत में सम्मानित चेहरे के रूप में जानी जाती थीं, अब जांच एजेंसियों के रडार पर हैं। खुफिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वह ब्लास्ट से लगभग दो महीने पहले लखनऊ आई थीं और यहां कई संदिग्ध व्यक्तियों से मुलाकात के संकेत मिले थे। इन व्यक्तियों की गतिविधियों ने अयोध्या तक जांच का दायरा बढ़ा दिया है।
लखनऊ में चार दिन ठहराव, कई संवेदनशील जगहों पर मूवमेंट
जांच एजेंसियों—एटीएस और जम्मू-कश्मीर पुलिस—को मिली जानकारी के अनुसार, डॉक्टर सितंबर के पहले सप्ताह में लखनऊ आईं और लगभग चार दिन यहां रुकीं। इस दौरान उनके अलीगंज, चारबाग, लालबाग और सिविल अस्पताल क्षेत्र में जाने का रिकॉर्ड सामने आया है।
एजेंसियां यह पता लगा रही हैं कि वह
किससे मिलीं,
कहां ठहरीं,
और किन संपर्कों के जरिए नेटवर्क सक्रिय किया गया।
पहले मिली खुफिया सूचना को तब आधार नहीं मिला था, लेकिन अब दिल्ली ब्लास्ट और डॉक्टर मॉड्यूल के खुलासों के बाद वही जानकारी जांच का अहम हिस्सा बन गई है।
अयोध्या एंगल पर फोकस – किससे मिली, क्यों गईं?
लखनऊ के बाद संदिग्ध गतिविधियां अयोध्या तक ट्रेस हुई हैं। जांच में संकेत मिले हैं कि कुछ मुलाकातें राम मंदिर क्षेत्र के आसपास हुईं। एजेंसियां अब जांच कर रही हैं कि अयोध्या जाने का उद्देश्य था:
किसी से मुलाकात?
किसी जगह की रेकी?
या नेटवर्क को सक्रिय रखना?
टीमें अब फोन लोकेशन, ट्रैवल टिकट, होटल रिकॉर्ड और डिजिटल डेटा की गहराई से जांच कर रही हैं।
लखनऊ–फरीदाबाद–कश्मीर तक फैला नेटवर्क
जांच का दायरा तीन प्रमुख राज्यों तक फैल गया है। दिल्ली ब्लास्ट केस में डॉक्टर और उनके भाई का नाम जांच में आने के बाद नेटवर्क को फरीदाबाद मॉड्यूल से जोड़कर देखा जा रहा है। जांच में सामने आया है कि:
भाई ने एक निजी यूनिवर्सिटी से इस्तीफा दिया था,
वह देश छोड़ने की कोशिश में था,
डिजिटल रिकॉर्ड हटाने के संकेत मिले हैं।
फॉरेंसिक टीम उसके
लैपटॉप,
मोबाइल,
हार्ड डिस्क
से डिलीट डेटा रिकवर कर रही है।
फरीदाबाद में पूछताछ, कई एन्क्रिप्टेड चैट बरामद
जम्मू-कश्मीर पुलिस आरोपी को फरीदाबाद ले जाकर पूछताछ कर रही है। डिजिटल जांच में मिले:
एन्क्रिप्टेड चैट,
वित्तीय लेनदेन,
और कुछ विदेशी संपर्क जांच का दायरा और बढ़ा रहे हैं।
एटीएस को शक है कि यह नेटवर्क लॉजिस्टिक सपोर्ट, मेडिकल कवर और फंडिंग चैनल उपलब्ध कराता था।
व्यक्तिगत जीवन में बदलाव और विवादों की शुरुआत
डॉक्टर ने प्रदेश के प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज से MBBS और MD करने के बाद सरकारी पद पर कार्य किया। 2015 के बाद उनकी निजी ज़िंदगी में आए बदलावों के साथ—
नए संपर्कों का दायरा बढ़ा,
फरीदाबाद स्थित एक विश्वविद्यालय में नौकरी शुरू हुई,
और यहीं से कथित तौर पर वह संदिग्ध नेटवर्क के संपर्क में आईं।
जांच एजेंसियों का दावा है कि इस दौरान वह विभिन्न राज्यों—दिल्ली-NCR, हरियाणा, यूपी और कश्मीर—के बीच लगातार यात्रा कर रही थीं।
लखनऊ घर पर छापा: डिजिटल डिवाइस और दस्तावेज बरामद
11 नवंबर को एटीएस और J&K पुलिस ने लखनऊ के लालबाग स्थित घर पर छापा मारा। यहां से टीम को:
डिजिटल उपकरण,
विदेशी करेंसी,
मेडिकल डॉक्यूमेंट,
और कुछ संवेदनशील रिकॉर्ड मिले हैं।
परिवार का कहना है कि वह पढ़ाई में हमेशा टॉपर रहीं और किसी गलत गतिविधि में शामिल होना उनके लिए असंभव है। लेकिन जांच टीम के अनुसार, उनकी कार से हथियार और कारतूस भी बरामद किए गए, जिसकी जांच जारी है।
‘डॉक्टर मॉड्यूल’ से बढ़ा खतरा – छह गिरफ्तारियां
दिल्ली ब्लास्ट मामले में अब तक 6 डॉक्टर गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जिनका लिंक
फरीदाबाद,
सहारनपुर,
और कश्मीर
से जुड़ा है।
जांच एजेंसियां इस नेटवर्क को मेडिकल प्रोफेशन की आड़ में सक्रिय मॉड्यूल मान रही हैं। अब यह भी जांच का हिस्सा है कि क्या यह नेटवर्क अदील की शादी से जुड़े धमकी पोस्टर प्रकरण के बाद और सक्रिय हुआ था।








