Keshav Prasad Maurya Political Promotion: क्या यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बड़े प्रमोशन का समय आ गया है?
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य इन दिनों अचानक सुर्खियों में आ गए हैं। जबसे उन्हें बिहार में बीजेपी विधायक दल का नेता चुनने के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाया गया है, यूपी की राजनीति में उनकी सक्रियता और प्रभाव दोनों बढ़ गए हैं। पिछले आठ वर्षों से लगातार डिप्टी सीएम रहने वाले मौर्य केंद्र की पावरफुल हस्तियों के भी संपर्क में रहते हैं। कुछ समय पहले गृहमंत्री अमित शाह ने एक कार्यक्रम में उन्हें अपना “मित्र” भी कहा था, जिसके बाद से संकेत मिल रहे हैं कि उनके राजनीतिक सितारे तेजी से चमक रहे हैं।
ऐसे समय में जब बीजेपी स्पष्ट रूप से ब्राह्मण-बनिया छवि से निकलकर OBC-डॉमिनेंट पार्टी की ओर बढ़ रही है, यह अनुमान लगाना गलत नहीं होगा कि केशव प्रसाद मौर्य के प्रमोशन की संभावनाएं पहले से अधिक मजबूत हो गई हैं। अब सवाल यह है कि उन्हें यूपी में बड़ी भूमिका मिलेगी या राष्ट्रीय राजनीति में नई जिम्मेदारी।
2027 UP Election में Keshav Maurya की अहम भूमिका
केशव प्रसाद मौर्य उत्तर प्रदेश में बीजेपी के सबसे बड़े OBC चेहरे हैं।
2017 में जब बीजेपी ने प्रचंड बहुमत जीता, उस समय मौर्य प्रदेश अध्यक्ष थे।
हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बने, लेकिन मौर्य को बीजेपी के OBC वोटबैंक को एकजुट करने का श्रेय मिला।
2022 में भले ही योगी सरकार की परफॉर्मेंस अच्छी रही, लेकिन बीजेपी की सीटें कम हुईं। 2024 लोकसभा चुनाव में सीटें घटकर मात्र 34 रह गईं—और इसका सबसे बड़ा कारण माना गया OBC वोटों का बीजेपी से दूरी बनाना।ऐसे में 2027 के विधानसभा चुनावों में पार्टी को फिर से 2017 जैसा रिज़ल्ट चाहिए—और इसके लिए मौर्य जैसे ओबीसी नेतृत्व को मजबूत करना अनिवार्य हो गया है।
Bihar Elections में Keshav Prasad Maurya का प्रभाव
बिहार चुनावों में बीजेपी के लिए ओबीसी-ईबीसी वोट निर्णायक थे।
मौर्य को बिहार चुनाव में सह-प्रभारी बनाया गया।
उन्होंने मुजफ्फरपुर, दरभंगा समेत विभिन्न जिलों में 50 से अधिक रैलियां कीं।
उनकी जाति (कुर्मी) ने बिहार के गैर-यादव ओबीसी वोटरों को एनडीए की ओर एकजुट करने में अहम रोल निभाया।
NDA की प्रचंड जीत में मौर्य का योगदान इतना मजबूत था कि उन्हें राष्ट्रीय नेतृत्व ने नोटिस किया।
BJP ने Keshav Maurya को बनाया बिहार विधायक दल का पर्यवेक्षक
18 नवंबर 2025 को बीजेपी संसदीय बोर्ड ने मौर्य को बिहार विधायक दल का नेता चुनने के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया।उनके साथ अर्जुन राम मेघवाल और साध्वी निरंजन ज्योति सह-पर्यवेक्षक बने।मौर्य ने पूरी प्रक्रिया को शांतिपूर्वक और प्रभावी ढंग से पूरा कराकर राष्ट्रीय नेतृत्व को साबित कर दिया कि वे बड़े संगठनात्मक कामों के लिए सक्षम हैं।
क्या Keshav Prasad Maurya BJP के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकते हैं?
बीजेपी में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति लगातार टलती आ रही है। इस दौड़ में मौर्य का नाम सबसे आगे दिख रहा है क्योंकि:
वे बीजेपी के OBC मास-बेस का बड़ा चेहरा हैं
अमित शाह के बेहद करीबी माने जाते हैं
बिहार चुनावों में उनकी भूमिका से राष्ट्रीय स्तर पर उनका कद बढ़ा है
पार्टी की OBC रणनीति में मौर्य एक स्वाभाविक फिट बैठते हैं
योगी आदित्यनाथ से वर्षों की खींचतान के बावजूद उनका पद सुरक्षित रहा
यह सभी संकेत बताते हैं कि राष्ट्रीय अध्यक्ष या किसी बड़े नेशनल रोल की संभावनाएं मजबूत हैं।








