श्रावण मास में कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश प्रशासन ने इस बार बेहद सख्ती दिखाई है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा, स्वच्छता और स्वास्थ्य सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने फूड और मेडिकल सर्विस से जुड़े प्रतिष्ठानों के लिए नए नियम लागू कर दिए हैं।
इस बार यात्रा मार्ग पर स्थित सभी खाने-पीने की दुकानों और मेडिकल स्टोर्स को या तो लाइसेंस लेना होगा या फिर विधिवत पंजीकरण कराना होगा। इसके अलावा हर दुकान को एक यूनिक QR कोड दिया जाएगा जिससे उनकी पहचान और निगरानी आसान हो सके।

खाद्य और दवा गुणवत्ता पर सख्ती
प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि कांवड़ मार्ग पर मिलने वाला भोजन और दवाएं पूरी तरह से जांची जाएंगी। किसी भी संगठन या संस्था द्वारा लगाए गए पंडालों में परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरने पर तुरंत हटाया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर नमूने लेकर प्रयोगशाला में जांच कराई जाएगी।
मेडिकल स्टोर पर भी रहेगा कड़ा नियंत्रण
यात्रा मार्ग पर मौजूद मेडिकल स्टोर्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके पास सभी आवश्यक दवाएं उपलब्ध हैं। नींद की गोलियां या नशे से जुड़ी दवाएं बिना डॉक्टर के पर्चे के नहीं बेची जा सकेंगी। नियमों का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
ब्लड बैंकों और इमरजेंसी के लिए भी तैयारी
किसी आकस्मिक स्थिति में त्वरित चिकित्सा सहायता के लिए ब्लड बैंकों को स्टैंडबाय पर रखा गया है। स्थिति की प्राथमिकता के आधार पर ब्लड यूनिट्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
QR कोड से होगी निगरानी और जवाबदेही
इस बार पूरे मार्ग पर संस्थानों की निगरानी के लिए QR कोड आधारित पहचान प्रणाली लागू की गई है। रोजाना की रिपोर्टिंग जिला अधिकारियों को ऑनलाइन माध्यम से भेजी जाएगी। कोई भी संस्था यदि इन दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करती तो उस पर तुरंत कार्रवाई होगी और जवाबदेही तय की जाएगी।
📌 निष्कर्ष:
यह कदम कांवड़ यात्रियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और सुविधा सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा और जरूरी प्रयास है। प्रशासन की यह पहल न केवल भीड़ प्रबंधन में मदद करेगी, बल्कि अव्यवस्था और मिलावटी वस्तुओं से भी बचाव सुनिश्चित करेगी।Y-