कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज स्थित हैलट अस्पताल से एक बेहद गंभीर मेडिकल लापरवाही का मामला सामने आया है। वार्ड नंबर 12 के बेड नंबर 43 पर भर्ती मरीज को जिंदा रहते हुए मृत घोषित कर दिया गया और उसकी पोस्टमार्टम सूचना पुलिस को भेज दी गई। यह बड़ी चूक ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर और स्टाफ की जल्दबाजी और लापरवाही के कारण हुई।
मामला सामने आते ही प्रदेश सरकार ने इसका संज्ञान लिया और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने एक जूनियर डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और वार्ड आया को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया।
बगल वाले बेड पर हुई थी असली मौत
अस्पताल प्रशासन के अनुसार, बेड नंबर 43 पर भर्ती मरीज के बगल में बेड नंबर 42 पर एक अन्य मरीज भर्ती था, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी। मृत मरीज की फाइल और कागजी कार्रवाई की जा रही थी। इसी दौरान अस्पताल में एक अन्य आपात स्थिति उत्पन्न हो गई, जिससे अफरातफरी मच गई।इसी आपाधापी में मृत मरीज के बजाय जीवित मरीज की पोस्टमार्टम सूचना पुलिस को भेज दी गई, जिससे पूरे अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया।
जांच के लिए गठित हुई कमेटी
इस गंभीर लापरवाही को देखते हुए प्रशासन ने तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। यह समिति पूरे घटनाक्रम की बारीकी से जांच करेगी। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ और भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
हैलट अस्पताल की इस चूक ने सरकारी अस्पतालों में मरीजों की सुरक्षा, निगरानी व्यवस्था और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर व्यापक चर्चा शुरू हो गई है।








