लखनऊ में फर्जी IRS अफसर गिरफ्तार: त्रिपुरा CM से मिलने पहुँचा, पुलिस को दिया हार्ट अटैक का ड्रामा
राजधानी लखनऊ के विभूति खंड इलाके में पुलिस ने एक फर्जी IRS अफसर को गिरफ्तार किया है,जो त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा से मिलने उनके होटल के कमरे तक पहुंच गया था।पुलिस के अनुसार, आरोपी की पहचान बिहार निवासी प्रशांत मोहन के रूप में हुई है।वह 31 अक्टूबर को होटल मैरिएट में रुका था और खुद को वित्त मंत्रालय का एडिशनल कमिश्नर बताकरसीएम साहा के कमरे तक जा पहुंचा।
कैसे पकड़ा गया फर्जी अफसर?
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा केजीएमयू में आयोजित कॉन्फ्रेंस में शामिल होने आए थेऔर लखनऊ के होटल मैरिएट में ठहरे थे।आरोपी प्रशांत मोहन ने IRS अफसर का फर्जी आईडी कार्ड दिखाकरउनसे मिलने की कोशिश की, लेकिन सीएम के सुरक्षा कर्मियों को शक हुआ।उन्होंने उसे कमरे में प्रवेश की अनुमति नहीं दी और तुरंत लखनऊ पुलिस को सूचना दी।
होटल में ड्रामा: पुलिस आई तो करने लगा हार्ट अटैक का नाटक
जैसे ही पुलिस होटल पहुंची, प्रशांत मोहन चेकआउट कर रहा था। पुलिस को देखकर उसने अचानक हार्ट अटैक का ड्रामा किया।घबराए पुलिसकर्मियों ने तुरंत उसे डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचाया,जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि वह बिल्कुल फिट है — यानी ये सब नाटक था।इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
फर्जी आईकार्ड और सामान बरामद
तलाशी में पुलिस को आरोपी के पास से मिला:
IRS और IAS के फर्जी पहचान पत्र
विजिटिंग कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड
आईफोन, ट्रॉली बैग और ₹1600 नकद
पुलिस के मुताबिक, आरोपी लाल-नीली बत्ती लगी कार से होटल आया था। जब पुलिस ने दबोचा तो उसका ड्राइवर कार सहित फरार हो गया।
फर्जी IAS-IRS बनकर नेताओं से मिल रहा था
पुलिस जांच में सामने आया है कि प्रशांत मोहन खुद कोलखनऊ पुलिस कमिश्नर का रिश्तेदार बताकर रौब झाड़ता था।वह फर्जी अधिकारी बनकर नेताओं और अधिकारियों से फोटो खिंचवाता,फिर उन्हीं तस्वीरों का इस्तेमाल लोगों को झांसा देने और ठगी करने के लिए करता था।पुलिस अब उसकी पुरानी गतिविधियों और कनेक्शनों की जांच कर रही है।
UPSC की कोचिंग पढ़ाता था आरोपी
पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि प्रशांत मोहन बिहार का रहने वाला है और दिल्ली के शंकरपुर इलाके में UPSC कोचिंग पढ़ाता था।वह खुद भी कई बार सिविल सर्विस परीक्षा दे चुका था, लेकिन उसका चयन नहीं हुआ।इसके बाद उसने फर्जी पहचान बनाकर धोखाधड़ी का रास्ता चुना।








