डॉ. परवेज अंसारी का कनेक्शन: दिल्ली ब्लास्ट केस में बड़ा खुलासा, इंटीग्रल यूनिवर्सिटी और कश्मीरी छात्रों पर जांच तेज
दिल्ली ब्लास्ट की मास्टरमाइंड मानी जा रही डॉ. शाहीन सईद का छोटा भाई डॉ. परवेज अंसारी लखनऊ की इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर था। वह MBBS फाइनल ईयर के छात्रों को पढ़ाता था और ज्यादातर समय खुद को रिजर्व रखने के अलावा सिर्फ नाइट ड्यूटी करता था।सूत्रों का दावा है कि उसकी कश्मीरी छात्रों से नजदीकियां ज्यादा थीं, जिसके बाद ATS ने उसकी गतिविधियों की गहराई से जांच शुरू कर दी है।
इस्तीफे की टाइमिंग पर सवाल, ब्लास्ट से पहले छोड़ी यूनिवर्सिटी
दिल्ली ब्लास्ट से ठीक कुछ दिन पहले डॉ. परवेज अंसारी ने 6 नवंबर को मेल के जरिए इस्तीफा दिया। ठीक 10 नवंबर को दिल्ली ब्लास्ट हुआ, और उसकी बहन शाहीन की गिरफ्तारी के अगले दिन ATS ने परवेज के घर पर छापा मारा।इस्तीफे की टाइमिंग ने जांच एजेंसियों की शंका और गहरी कर दी है।
ATS छापेमारी: घर से मिले दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस
11 नवंबर की सुबह ATS और J&K पुलिस ने लखनऊ के मड़ियांव इलाके में डॉ. परवेज के घर छापा मारा।घर बंद मिला, जिसे तोड़कर टीम अंदर गई और लगभग तीन घंटे जांच की। घर से ATS को मिले:
अहम दस्तावेज
डिजिटल डिवाइसेज़
कार और बाइक (कार पर इंटीग्रल यूनिवर्सिटी का पास)
इन सबूतों की जांच जारी है।
13 नवंबर: ATS ने इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में की जांच
ATS टीम सीधे यूनिवर्सिटी पहुंची और:
डॉ. परवेज से जुड़े दस्तावेज
स्टाफ से पूछताछ
मेडिसिन डिपार्टमेंट का रिकॉर्ड
संबंधित कंप्यूटर की हार्ड डिस्क
की जांच की।
सूत्रों के अनुसार टीम को महत्वपूर्ण जानकारी मिली है, हालांकि इसका आधिकारिक बयान अभी नहीं आया है।
कश्मीरी छात्रों से नजदीकियां, ब्रेनवॉश की आशंका
इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में 60–70 कश्मीरी छात्र पढ़ते हैं।जांच में पता चला कि डॉ. परवेज रिजर्व स्वभाव का था, लेकिन कश्मीरी बैकग्राउंड के छात्रों से उसकी नजदीकियां ज्यादा थीं।ATS को शक है कि वह छात्रों को स्लीपर सेल के रूप में तैयार करने के लिए ब्रेनवॉश कर रहा हो सकता है।टीम जल्द ही दोबारा यूनिवर्सिटी जाकर इन छात्रों से पूछताछ कर सकती है।
इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में परवेज की गतिविधियां
16 जुलाई 2021 को उसने सीनियर रेजिडेंट के रूप में जॉइन किया।
शुरुआती एक साल ज्यादातर नाइट ड्यूटी की।
बाद में असिस्टेंट प्रोफेसर बना और OPD में सबसे ज्यादा मरीज देखने वालों में शामिल हुआ।
एकेडमिक कार्यों में कम दिलचस्पी लेता था।
MBBS चौथे और पाँचवें वर्ष के छात्रों को इंटरनल मेडिसिन पढ़ाता था।
लेक्चर में काफी रिजर्व रहता और कुछ कश्मीरी छात्रों से खास नजदीकी रखता था।
MBBS तक का सफर और परिवारिक पृष्ठभूमि
डॉ. परवेज ने 12वीं के बाद कई मेडिकल एग्जाम दिए लेकिन चयन नहीं हुआ। 2006–2011 के बीच उसने लखनऊ के एरा मेडिकल कॉलेज से MBBS किया।बताया जाता है कि उसकी पढ़ाई पर 80–90 लाख रुपये तक खर्च हुए।
ATS एरा मेडिकल कॉलेज की भी कर सकती है जांच
एरा मेडिकल कॉलेज KGMU के पूर्व बायोकेमिस्ट्री विभागाध्यक्ष डॉ. अब्बास अली मेहंदी का है, जो अब यूनिवर्सिटी के कुलपति हैं।सूत्रों के मुताबिक ATS जल्द ही यहां जाकर परवेज से जुड़े डॉक्यूमेंट खंगाल सकती है।








