डीके शाही वीरता पुरस्कार 2025: चप्पल में एनकाउंटर कर चर्चा में आए STF अफसर को मिला सम्मान
यूपी एसटीएफ के डीएसपी धर्मेश कुमार शाही, जिन्हें लोग डीके शाही के नाम से जानते हैं, को डीके शाही वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें 2 सितंबर 2024 को सुल्तानपुर डकैती में वांटेड मंगेश यादव के एनकाउंटर के लिए दिया गया है। इस एनकाउंटर की खास बात यह रही कि डीके शाही चप्पल पहने हुए मौके पर नजर आए, जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और वे चर्चा में आ गए।
एनकाउंटर के तुरंत बाद सियासत भी गरमाई। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि जाति देखकर एनकाउंटर किया गया और डीके शाही पर भी तंज कसते हुए कहा—”अगर दिमाग होता तो चप्पल में एनकाउंटर नहीं करते।” पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने भी टिप्पणी की—”पहली बार चप्पल में एनकाउंटर देखा है।”
डीके शाही का नाम यूपी एसटीएफ के तेजतर्रार अफसरों में शुमार है। उन्होंने अब तक 50 से ज्यादा एनकाउंटर किए हैं। उनके अलावा इस साल 16 और पुलिसकर्मियों को गैलेंट्री मेडल यानी वीरता पुरस्कार दिया जाएगा, जिनमें 1 IPS, 2 DSP, 3 ASI, 2 इंस्पेक्टर, 7 हेड कॉन्स्टेबल और 2 कॉन्स्टेबल शामिल हैं।
सुल्तानपुर डकैती और मंगेश यादव एनकाउंटर
29 अगस्त 2024 को सुल्तानपुर में भरतजी ज्वेलर्स के शोरूम में दिनदहाड़े पांच हथियारबंद बदमाशों ने डकैती की वारदात को अंजाम दिया था। घटना के पांच दिन बाद, 5 सितंबर की सुबह STF ने मंगेश यादव को घेर लिया। 1 लाख के इनामी मंगेश ने भागने की कोशिश में पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी, लेकिन जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया।
डीके शाही, जो मूल रूप से देवरिया के रहने वाले हैं, 2019 में डिप्टी एसपी के पद पर प्रमोट हुए थे। उनकी पत्नी ऋतु शाही बीजेपी की नेता और उत्तर प्रदेश महिला आयोग की सदस्य हैं। डीके शाही वीरता पुरस्कार ने एक बार फिर उनके साहस और उपलब्धियों को सुर्खियों में ला दिया है।