उत्तर प्रदेश के बरेली में ‘आई लव मुहम्मद’ अभियान से जुड़े विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसक झड़पों के बाद मौलाना तौक़ीर रज़ा के खिलाफ कार्रवाई की गई है। बरेली नगर निगम ने इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के दफ़्तर को सील कर दिया। यह दफ़्तर एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के अंदर स्थित था और नगर निगम ने इसे नाले पर अवैध निर्माण होने के कारण चिन्हित किया था।
बरेली में हिंसा कैसे भड़की?
पिछले हफ्ते, बरेली में ‘आई लव मुहम्मद’ अभियान के समर्थन में आयोजित एक प्रोटेस्ट अचानक रद्द कर दिया गया। इसके बाद नमाज़ के बाद मौलाना तौक़ीर रज़ा के आवास और कोतवाली मस्जिद के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई। भीड़ ने पथराव और तोड़फोड़ शुरू कर दी, जो दरगाह-ए-आला हज़रत और इस्लामिया मैदान तक फैल गई। कई वाहन और दुकानों को नुकसान पहुंचा, पुलिसकर्मी घायल हुए और बाज़ार बंद करने पड़े।
एफआईआर और गिरफ्तारी
पुलिस ने इस मामले में 11 एफआईआर दर्ज की हैं, जिसमें लगभग 2000 लोगों के नाम शामिल हैं। करीब 40 लोगों को हिरासत में लिया गया। मौलाना तौक़ीर रज़ा को पहले नज़रबंद किया गया और बाद में हिरासत में लिया गया। पुलिस अधिकारी उनके और उनके साथियों के मोबाइल फोन की जांच कर रहे हैं ताकि हिंसा की पूरी साज़िश का पता लगाया जा सके।
एफआईआर में आरोप है कि तौक़ीर रज़ा ने समर्थकों से शहर का माहौल बिगाड़ने का आह्वान किया। वह और उनके फॉलोअर्स हिंसा फैलाने के लिए सक्रिय थे।