लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में हिंदू पहचान अपनाकर रह रही एक बांग्लादेशी महिला को ATS ने गिरफ्तार किया है। महिला अपने तीसरे पति के साथ किराए के कमरे में रह रही थी। पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए, जिनमें फर्जी पहचान, धर्म बदलाव और अवैध प्रवेश से जुड़ी जानकारी शामिल है।
ATS ने महिला और उसके तीसरे पति को किया गिरफ्तार
आतंकवाद निरोधी दस्ता (ATS) ने महिला और उसके पति को गिरफ्त में लिया। जांच में सामने आया कि महिला ने फर्जी नाम और फर्जी दस्तावेज़ों का इस्तेमाल कर धर्म बदलकर हिंदू बनकर रहना शुरू किया था।
2006 में पश्चिम बंगाल के रास्ते भारत में दाखिल हुई थी
ATS की जांच के अनुसार महिला का असली नाम नरगिस है, जो पहले जैसमीन और निर्मला नाम से भी रह चुकी थी।
नरगिस वर्ष 2006 में अपने बांग्लादेशी पति के साथ पश्चिम बंगाल के जरिए भारत में अवैध तरीके से दाखिल हुई थी। कुछ समय कोलकाता में रहने के बाद उसने अपने पहले पति से अलग होकर नए स्थानों पर पहचान बदलते हुए रहना शुरू कर दिया।
बलिया में हिंदू नाम से शादी कर बदली पहचान
कोलकाता से निकलकर नरगिस बलिया पहुंची, जहां उसकी मुलाकात हरिओम आनंद से हुई।
यहां उसने ‘जैसमीन’ नाम बताकर हिंदू रीति से शादी की और बाद में हरिओम के साथ लखनऊ आकर रहने लगी। आरोप है कि हरिओम ने उसके लिए फर्जी दस्तावेज़ और वाहन भी बनवाए।
मौलाना की मदद से हुआ तीसरा निकाह
नरगिस का आरोप है कि हरिओम उसे बेचने की कोशिश कर रहा था। इसके बाद उससे दूर होते हुए नरगिस की मुलाकात एक मौलाना के जरिए समीर से हुई, जो काकोरी के सलेमपुर का रहने वाला है।
मौलाना की पहल पर दोनों का निकाह हुआ, और नरगिस समीर के साथ ठाकुरगंज में रहने लगी। दोनों की 11 महीने की एक बच्ची भी है।
हिंदू महिला ‘निर्मला’ बनकर पूजा-पाठ करती थी
ठाकुरगंज के बरौरा हुसैनबादी क्षेत्र में नरगिस किराए के कमरे में ‘निर्मला’ की पहचान के साथ रहती थी।
पड़ोसियों के अनुसार, वह पूरी तरह हिंदू महिला की तरह व्यवहार करती थी।
दीपावली और अन्य त्योहारों पर पूजा-पाठ कर कोई शक नहीं होने देती थी।
दो आधार कार्ड और कई फर्जी दस्तावेज़ बरामद
ATS को नरगिस के पास से दो आधार कार्ड मिले —
एक जैसमीन के नाम से
दूसरा निर्मला के नाम से
इसके अलावा कई फर्जी दस्तावेज़ भी बरामद हुए हैं। ATS अब जांच कर रही है कि ये दस्तावेज़ कहां और किस नेटवर्क की मदद से तैयार किए गए।








