Delhi Blast Connection: फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी के रूम 13 में रची गई साजिश, ATS की जांच में बड़े खुलासे
दिल्ली ब्लास्ट के बाद अब जांच एजेंसियों को कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। ATS की पूछताछ में सामने आया है कि फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग नंबर 17 के रूम नंबर 13 से ब्लास्ट की साजिश रची गई थी।इस मामले में डॉ. शाहीन अंसारी, जिनकी गिरफ्तारी ने सभी को चौंका दिया, अब जांच का केंद्र बन गई हैं। शाहीन को फरीदाबाद से विस्फोटक सामग्री के साथ गिरफ्तार किया गया था। शुरुआती पूछताछ में उन्होंने ज्यादा कुछ नहीं कहा, लेकिन अब ATS की जांच में कई परतें खुलने लगी हैं।
ATS खुलासा: रूम नंबर 13 में रची गई ब्लास्ट की साजिश
सूत्रों के मुताबिक बिल्डिंग नंबर 17 के रूम 13 से मिले दस्तावेज़, डिजिटल डाटा और CCTV फुटेज इस बात की पुष्टि करते हैं कि यहीं से आतंक की पटकथा लिखी गई थी। डॉ. शाहीन और डॉ. मुजम्मिल शकील की मुलाकात भी इसी यूनिवर्सिटी में हुई थी — और यहीं से उनका नेटवर्क सक्रिय हुआ।
कौन हैं डॉ. शाहीन अंसारी?
डॉ. शाहीन पहले GSVM मेडिकल कॉलेज, कानपुर में असिस्टेंट प्रोफेसर थीं।
2013 में बिना नोटिस नौकरी छोड़ी,
2015 में तलाक के बाद जीवन में बड़ा बदलाव,
2021 में कॉलेज से सेवा समाप्त,
और इसके बाद वह फरीदाबाद शिफ्ट हो गईं।
यहां उनकी मुलाकात डॉ. मुजम्मिल से हुई, जिसने उन्हें अल फलह यूनिवर्सिटी में जोड़ दिया — जहां से आतंकी नेटवर्क का धागा जुड़ता दिख रहा है।
ATS की कार्रवाई: भाई परवेज भी शक के घेरे में
शाहीन की गिरफ्तारी के बाद ATS ने लखनऊ की IIM रोड स्थित उनके भाई डॉ. परवेज अंसारी के घर पर छापा मारा। घर से लैपटॉप, मोबाइल, पेन ड्राइव और हार्ड डिस्क जब्त की गईं। घर के बाहर खड़ी कार पर इंटीग्रल यूनिवर्सिटी का पास मिला।यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पुष्टि की कि परवेज ने एक हफ्ता पहले ही “व्यक्तिगत कारणों” से इस्तीफा दिया था।ATS को शक है कि परवेज़ अपनी बहन से लगातार संपर्क में था और दोनों किसी साझा नेटवर्क पर काम कर रहे थे।
मुजम्मिल की कार से मिली AK-47, खुला बड़ा नेटवर्क
पूरी जांच में अहम कड़ी डॉ. मुजम्मिल हैं, जिनकी कार से AK-47 राइफल बरामद हुई। पूछताछ में मुजम्मिल ने डॉ. शाहीन का नाम लिया, जिससे जांच एजेंसियां सतर्क हो गईं। ATS के अनुसार शाहीन के डिजिटल रिकॉर्ड्स में संदिग्ध ईमेल्स और विदेशी संपर्कों के सबूत मिले हैं।
सहारनपुर कनेक्शन और फर्जी रजिस्ट्रेशन का खुलासा
जांच में यह भी सामने आया कि शाहीन की कार का रजिस्ट्रेशन लखनऊ का, लेकिन नंबर प्लेट सहारनपुर की थी।पूछताछ में उसने गोलमोल जवाब दिए।ATS को पता चला है कि परवेज़ ने कुछ समय के लिए सहारनपुर के चौक इलाके में क्लीनिक भी चलाया था।
परिवार सदमे में, पिता बोले—”यकीन नहीं होता”
शाहीन के पिता सईद अंसारी, जो वन विभाग से रिटायर्ड अधिकारी हैं, ने कहा: “हमें खबर पुलिस से मिली। विश्वास नहीं होता कि शाहीन किसी गलत रास्ते पर जा सकती है। वह बचपन से डॉक्टर बनना चाहती थी, इंसानियत की सेवा उसका मकसद था।”उन्होंने बताया कि तलाक के बाद वह मानसिक रूप से तनाव में आ गई थी और धीरे-धीरे परिवार से दूर होती चली गई।








