Engineers Day 2025: क्यों मनाया जाता है इंजीनियर्स डे और क्या है इसका इतिहास?
हर साल 15 सितंबर को भारत में इंजीनियर्स डे (Engineers Day 2025) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन देश के विकास में इंजीनियरों के अमूल्य योगदान को समर्पित है और उन्हें सम्मान देने का विशेष अवसर है। इंजीनियर अपने तकनीकी ज्ञान और इनोवेशन से हमारे जीवन को आसान, सुरक्षित और आधुनिक बनाते हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंजीनियर्स डे मनाने की शुरुआत कैसे हुई (Engineers Day 2025 History)? आइए जानते हैं इसके पीछे की कहानी।
इंजीनियर्स डे का इतिहास (Engineers Day History in India)
15 सितंबर का दिन भारत रत्न से सम्मानित महान इंजीनियर डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया (M. Visvesvaraya) की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। उनका जन्म 15 सितंबर 1861 को मैसूर के एक छोटे से गांव में हुआ था।
डॉ. विश्वेश्वरैया न केवल एक असाधारण इंजीनियर थे, बल्कि एक दूरदर्शी एडमिनिस्ट्रेटर और राष्ट्र निर्माता भी थे। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धियों में कृष्णराज सागर (KRS) बांध का निर्माण है, जिसने कर्नाटक में सिंचाई और जल प्रबंधन की क्रांति ला दी।
इसके अलावा, उन्होंने हैदराबाद शहर को बाढ़ से बचाने के लिए एक आधुनिक फ्लड प्रोटेक्शन सिस्टम भी डिजाइन किया। उनके इन महान योगदानों को देखते हुए भारत सरकार ने 1968 में उनके जन्मदिन को नेशनल इंजीनियर्स डे (National Engineers Day) घोषित किया।
Engineers Day 2025 क्यों मनाया जाता है?
इंजीनियर्स डे मनाने के पीछे कई उद्देश्य हैं, जैसे:
सम्मान और सराहना – समाज और राष्ट्र निर्माण में इंजीनियरों की अहम भूमिका को स्वीकार करना।
युवाओं को प्रेरणा – डॉ. विश्वेश्वरैया के जीवन और कार्यों से युवा पीढ़ी को सीख देना।
इनोवेशन को बढ़ावा – इंजीनियरिंग में नई सोच और क्रिएटिविटी को प्रोत्साहन देना।
जागरूकता – आम जनता को इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी के महत्व के बारे में शिक्षित करना।