उत्तर प्रदेश में ऑटोमैटिक टेस्टिंग स्टेशन: 14 जिलों में वाहन फिटनेस जांच अब और पारदर्शी
उत्तर प्रदेश सरकार ने वाहनों की फिटनेस जांच को और अधिक पारदर्शी और सख्त बनाने के लिए चार नए ऑटोमैटिक टेस्टिंग स्टेशन (एटीएस) को अंतिम पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी किया है। इन नए स्टेशनों के जुड़ने के बाद पूरे प्रदेश में अब कुल 14 एटीएस सक्रिय हो गए हैं, जिससे 14 जिलों में वाहन फिटनेस जांच आधुनिक और स्वचालित हो गई है।
नए ऑटोमैटिक टेस्टिंग स्टेशनों की जानकारी
26 अगस्त 2025 को चार नई कंपनियों को मंजूरी दी गई:
लखनऊ: एकेआरएस एटीएस प्राइवेट लिमिटेड
आगरा: शार्प-एन-इंडिया और ट्रिपल ए टेक इंटीग्रेटर का संयुक्त केंद्र
मिर्जापुर: ममता हाइजीन प्रॉडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड
इसके अलावा फिरोजाबाद, बिजनौर, झांसी, मुरादाबाद, कानपुर देहात, वाराणसी, बरेली, फतेहपुर, रामपुर सहित कई जिलों में पहले से ही एटीएस काम कर रहे हैं।
नियम और शर्तें
सरकार ने हर एटीएस के लिए स्पष्ट मानक तय किए हैं:
सीमा: एक जिले में अधिकतम तीन एटीएस।
अनुमति: किसी कंपनी को पूरे प्रदेश में तीन से अधिक एटीएस नहीं।
भूमि: कम से कम दो एकड़ जमीन और दो लेन।
वित्तीय शर्तें: 50,000 रुपए आवेदन शुल्क और 5 लाख रुपए बैंक गारंटी।
तकनीकी शर्तें: स्टेशन CCTV से लैस, डेटा सीधे वाहन पोर्टल, AFMS और ई-चालान सिस्टम से जुड़े होंगे।
वाहन मालिकों के फायदे
ऑनलाइन बुकिंग और भुगतान: वाहन मालिक तय समय पर अपनी गाड़ी लेकर जाएंगे।
तेज़ और भरोसेमंद जांच: मशीन से निष्पक्ष जांच।
डिजिटल रिपोर्ट: जांच पूरी होते ही ऑनलाइन रिपोर्ट।
कम समय और परेशानी: पूरी प्रक्रिया एक ही जगह पर।
ऑटोमैटिक टेस्टिंग स्टेशनों का नेटवर्क बढ़ाना राज्य की सड़क सुरक्षा और पारदर्शिता की दिशा में अहम कदम है। अब 14 एटीएस काम कर रहे हैं। हर गाड़ी की जांच आधुनिक और मानकीकृत होगी, जिससे नागरिकों को सुविधा और सरकार को भरोसेमंद आंकड़े मिलेंगे। हमारा लक्ष्य है कि प्रदेश में हर वाहन की फिटनेस जांच समय पर और निष्पक्ष ढंग से हो, ताकि सड़कें सुरक्षित रहें।