लखनऊ में गणेश उत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं। बाजार सज चुका है और मूर्तिकारों के यहां मिट्टी के गणेश की मूर्तियों की भारी डिमांड देखी जा रही है। सआदतगंज सहित कई इलाकों में मूर्तिकार पिछले चार महीने से दिन-रात मूर्तियां तैयार करने में जुटे हैं।
मूर्तिकार ने बताया, “मैंने अपने पिता से मूर्ति बनाना सीखा था। मूर्तिकला अपने आप में इतनी भव्य है कि कभी नौकरी की जरूरत नहीं पड़ी। पिछले 5 सालों से मिट्टी के गणेश की डिमांड 4 गुना बढ़ी है।”
व्यापारी राजेश कुमार का कहना है कि इस साल इको-फ्रेंडली मिट्टी की मूर्तियों की सबसे ज्यादा मांग है। इन मूर्तियों को घर में ही गमले में विसर्जित किया जा सकता है, जिससे नदी प्रदूषण से बचाई जा सके।
30 साल से मूर्तिकला से जुड़े राहुल राजपूत बताते हैं कि अब लखनऊ मिट्टी के गणेश की डिमांड ऑनलाइन भी तेजी से बढ़ रही है। ऑर्गेनिक रंगों से बनी इन मूर्तियों की खासियत है कि ये पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचातीं।