राष्ट्रपति 28 नवंबर को लखनऊ दौरे पर आएंगी, जहाँ वे ‘विश्व एकता एवं विश्वास के लिए ध्यान’ अभियान का शुभारंभ करेंगी। यह कार्यक्रम सुल्तानपुर रोड स्थित एक प्रमुख राजयोग ट्रेनिंग सेंटर में आयोजित किया जा रहा है। आयोजन का उद्देश्य दुनिया को आपसी विश्वास, आध्यात्मिक शक्ति और वैश्विक एकता की ओर प्रेरित करना है।
इस अभियान को दुनिया भर के 140 देशों के 8000 से अधिक सेवा केंद्रों में एक साथ चलाया जा रहा है, जिससे इसे वैश्विक स्तर पर विशेष पहचान मिल रही है। कार्यक्रम में प्रदेश स्तर के कई उच्च पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
तीन एकड़ में बना आधुनिक राजयोग परिसर
राजयोग सेंटर के पहले चरण में ‘दिव्य संस्कृति भवन’ तैयार किया गया है। इस परिसर में—
200–200 लोगों की क्षमता वाले दो सेमिनार हॉल
विशेष मेडिटेशन रूम
लगभग 5000 लोगों के भोजन की व्यवस्था करने वाला विशाल भंडारा
200 से अधिक व्यक्तियों के ठहरने की सुविधा का निर्माण किया गया है।
आने वाले समय में दूसरे फेज में 2000 क्षमता वाले ऑडिटोरियम, और तीसरे फेज में 300 लोगों के लिए आवासीय भवन का निर्माण प्रस्तावित है। इस विशाल परियोजना का भूमिपूजन वर्ष 2019 में किया गया था।
लखनऊ में 70 सालों की सेवाओं का इतिहास
राजधानी लखनऊ में इस संस्था की सेवाएँ लगभग 70 वर्ष पहले शुरू हुई थीं। 1955 में शहर के मध्य क्षेत्र में पहला सेवाकेंद्र स्थापित किया गया था। वर्तमान में लखनऊ में 21 राजयोग सेवा केंद्र सक्रिय हैं, जहाँ 100 से अधिक बहनें आध्यात्मिक सेवा, ध्यान प्रशिक्षण और समाज upliftment में कार्यरत हैं।








