मथुरा जन्मभूमि केस: सुप्रीम कोर्ट में बड़ा सवाल—हिंदू और मुस्लिम पक्ष की ओर से अदालत में कौन बोलेगा? प्रतिनिधित्व को लेकर याचिकाकर्ताओं के बीच विवाद
कृष्ण जन्मभूमि–शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में सुप्रीम कोर्ट के सामने अब एक अहम प्रश्न खड़ा हो गया है—पूरे हिंदू समुदाय की ओर से अदालत में कौन बोलेगा और पूरे मुस्लिम समुदाय की ओर से प्रतिनिधित्व किसे मिलेगा?यही मुद्दा अब याचिकाकर्ताओं के बीच विवाद का मुख्य कारण बन गया है।
हाईकोर्ट के आदेश पर आपत्ति—“हमें सुना ही नहीं गया”
विवाद की जड़ इलाहाबाद हाईकोर्ट का वह आदेश है जिसमें:
एक हिंदू याचिकाकर्ता को “श्री कृष्ण विराजमान और सभी हिंदुओं” की ओर से मुकदमा दायर करने का अधिकार दिया गया
और मस्जिद इंतजामिया कमेटी को “सभी मुसलमानों का प्रतिनिधि” माना गया
पुराने याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि यह महत्वपूर्ण आदेश उनकी बात सुने बिना पारित कर दिया गया, जबकि यह सभी लंबित मामलों को प्रभावित करेगा।
सीनियर एडवोकेट श्याम दिवान की दलील
सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दिवान ने बताया कि:
इस विवाद में पहले से 12 मूल मुकदमे लंबित हैं
सूट नंबर 8 को लीड केस माना जा रहा था
प्रतिनिधित्व का मुद्दा केवल एक केस में था
फिर हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों के लिए पूरे समुदाय का प्रतिनिधि क्यों तय कर दिया?
उन्होंने कहा कि ऐसा आदेश बाकी सभी मामलों को सीधे प्रभावित करेगा।
मुस्लिम पक्ष की दलील—“जवाब देने का पूरा मौका था”
वरिष्ठ अधिवक्ता गुरु ने कहा:
आपत्ति करने वालों को जवाब दाखिल करने का पूरा अवसर मिला
इस संबंध में पब्लिक नोटिस भी जारी हुआ था
इसलिए हाईकोर्ट का आदेश प्रक्रिया के अनुरूप है
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी—“देखेंगे कि आदेश प्रक्रिया के अनुसार था या नहीं”
बहस के दौरान जस्टिस संजय कुमार ने कहा:“अब सुप्रीम कोर्ट यह जांचेगा कि हाईकोर्ट का आदेश प्रक्रिया के मुताबिक सही था या नहीं।”अदालत ने स्पष्ट किया कि मामले की विस्तृत सुनवाई सोमवार को होगी।यह सुनवाई कृष्ण जन्मभूमि–शाही ईदगाह विवाद की भविष्य दिशा तय करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।








