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Chhath Puja 2025: क्या गर्भवती महिलाएं कर सकती हैं व्रत?

Chhath Puja 2025: क्या गर्भवती महिलाएं कर सकती हैं व्रत?

Chhath Puja During Pregnancy: गर्भवती महिलाएं कैसे करें छठ पूजा? जानें व्रत के नियम और जरूरी सावधानियां

Chhath Puja 2025 उत्तर भारत का एक प्रमुख पर्व है, जो सूर्य देव और छठी मैया की आराधना को समर्पित होता है। यह व्रत हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होकर उषा अर्घ्य के साथ समाप्त होता है। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व में 36 घंटे का निर्जला उपवास रखा जाता है, जिसे सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है।ऐसे में अक्सर यह सवाल उठता है — क्या गर्भवती महिलाएं छठ पूजा (Chhath Puja During Pregnancy) कर सकती हैं? आइए जानते हैं गर्भावस्था में छठ पूजा करने के तरीके, व्रत नियम और जरूरी सावधानियां।

क्या गर्भवती महिलाएं छठ व्रत रख सकती हैं?

गर्भावस्था के दौरान शरीर को पर्याप्त पोषण और जल की आवश्यकता होती है। इस स्थिति में निर्जला व्रत रखना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, क्योंकि इससे शरीर में डिहाइड्रेशन और पोषक तत्वों की कमी हो जाती है।डॉक्टरों के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को 36 घंटे का उपवास रखने से बचना चाहिए। इसके बजाय, यदि आस्था और श्रद्धा हो तो वे फलाहार या हल्का व्रत रख सकती हैं।

गर्भावस्था में छठ पूजा कैसे करें (How to Perform Chhath Puja During Pregnancy)

  1. डॉक्टर से सलाह लें: व्रत रखने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें।

  2. निर्जला उपवास न रखें: जल और पौष्टिक तरल पदार्थ जैसे नारियल पानी, दूध, नींबू पानी अवश्य लें।

  3. फलाहार करें: केला, सेब, मौसमी, साबूदाना या सूखे मेवे जैसी हल्की चीजें खाएं।

  4. थकान से बचें: पूजा के समय लंबे समय तक पानी में खड़े न रहें, केवल अर्घ्य के दौरान ही शामिल हों।

  5. मानसिक रूप से जुड़ें: अगर शारीरिक रूप से संभव न हो, तो छठ मइया की कथा, भजन सुनें और मन ही मन प्रार्थना करें — “हे छठ मइया, मुझे और मेरे बच्चे को स्वस्थ रखें।”

व्रत के दौरान गर्भवती महिलाएं क्या खा सकती हैं (Diet Tips for Pregnant Women During Chhath Puja)

  • नारियल पानी, नींबू पानी या दूध

  • मौसमी फल जैसे केला, सेब, पपीता

  • सूखे मेवे (बादाम, किशमिश)

  • हल्का फलाहार — साबूदाना खिचड़ी या फल सलाद

  • पर्याप्त मात्रा में पानी

गर्भावस्था में छठ पूजा के दौरान सावधानियां (Precautions During Chhath Puja in Pregnancy)

  • लम्बे समय तक भूखा या प्यासा न रहें।

  • धूप और भीड़ में अधिक देर तक खड़े न रहें।

  • तनाव या थकान से बचें।

  • किसी भी तरह की कमजोरी महसूस होने पर तुरंत आराम करें।

  • पूजा में परिवार के सदस्यों की मदद लें।

गर्भावस्था में छठ पूजा का महत्व (Significance of Chhath Puja During Pregnancy)

छठी मैया को संतान सुख और सुरक्षा की देवी माना गया है। इसलिए गर्भवती महिलाएं श्रद्धा भाव से पूजा करती हैं ताकि उनका बच्चा स्वस्थ, बुद्धिमान और दीर्घायु हो। हालांकि, छठ पूजा का असली उद्देश्य तपस्या नहीं बल्कि भक्ति और शुद्धता है। इसलिए आस्था रखते हुए स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना आवश्यक है।

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