Cough Syrup Alert: डायथिलीन ग्लाइकॉल से बच्चों की मौतें, जानें क्या है यह जानलेवा केमिकल और सर्दी-खांसी में क्या करें
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और राजस्थान में कफ सिरप पीने से हुई बच्चों की मौतों ने पूरे देश में चिंता बढ़ा दी है।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दूषित सिरप पीने से बच्चों की किडनी फेल हो गई, जिससे कई की जान चली गई।इन घटनाओं के बाद सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय अलर्ट मोड में हैं।
सरकार ने जारी की सख्त गाइडलाइन
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) ने सलाह जारी करते हुए कहा है कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी तरह का कफ सिरप या सर्दी-जुकाम की दवा नहीं दी जानी चाहिए।पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए भी ऐसी दवाओं के इस्तेमाल की अनुशंसा नहीं की गई है।यदि जरूरत हो, तो डॉक्टर के मूल्यांकन और निगरानी के बाद ही दवा दी जाए।
क्या है डायथिलीन ग्लाइकॉल (Diethylene Glycol)?
डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) और एथिलीन ग्लाइकॉल (EG) (industrial chemicals हैं, जिनका उपयोग ब्रेक फ्लूइड, एंटीफ्रीज, पेंट, और प्लास्टिक में किया जाता है।कुछ निर्माता इसे Propylene Glycol के सस्ते विकल्प के रूप में दवाओं में मिलाते हैं, जबकि यह इंसानों के लिए बेहद खतरनाक और जहरीला माना जाता है।
यह कैसे असर करता है शरीर पर?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि DEG शरीर में जाकर किडनी और लिवर को नुकसान पहुंचाता है।बच्चों में यह Acute Tubular Injury का कारण बन सकता है, जिससे किडनी फेलियर और मौत तक हो सकती है।
बच्चों को सर्दी-खांसी में क्या करें और क्या न करें?
डॉक्टर्स के अनुसार —
2 साल से कम उम्र के बच्चों को कोई कफ सिरप न दें।
स्वयं दवा न दें (Self Medication Avoid करें), हमेशा डॉक्टर की सलाह लें।
भाप (Steam Therapy), शहद (Honey) और पर्याप्त हाइड्रेशन कुछ बच्चों में राहत दे सकते हैं।
यदि लक्षण लगातार बने रहें या बच्चे को सांस लेने में तकलीफ हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।