लखनऊ में शुक्रवार को 35वीं बटालियन पीएसी के इंस्पेक्टर अश्विनी चतुर्वेदी का शव स्विमिंग पूल में मिला। इंस्पेक्टर अश्विनी रोज सुबह सात से आठ बजे तैराकी के लिए शहीद भगत सिंह तरणताल आते थे और करीब 400-500 मीटर लगातार तैरते थे
कोच अनिल कुमार ने बताया कि पूल में सुरक्षा के पर्याप्त साधन नहीं थे। गार्डों के पास लाइफ जैकेट और अन्य जरूरी उपकरण नहीं थे। जब कोच ने अश्विनी के कपड़े और बैग बाहर देखा, तो उन्होंने खुद पूल में तलाश शुरू की। करीब एक घंटे की खोज के बाद एसडीआरएफ को बुलाया गया।
फुटेज और कोच के अनुसार, इंस्पेक्टर अश्विनी बहुत अच्छे तैराक थे। वे रोजाना नियमित रूप से बैच में आते और चार-पांच चक्कर तैरते थे। इसके बावजूद उनकी डूबने से मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए।
एसडीआरएफ की तलाश और शव का निष्कर्ष
करीब डेढ़ बजे एसडीआरएफ के गोताखोरों ने ऑक्सीजन सिलेंडर पहनकर 20 फीट गहरे पानी से शव बाहर निकाला। करीब 5 घंटे तक पानी में रहने के कारण शव पूरी तरह अकड़ गया था। पुलिस ने क्राइम सीन को फॉरेंसिक टीम से सील कराकर साक्ष्य जुटाए।
स्वास्थ्य और मेडिकल कारण
प्रारंभिक जांच में पता चला कि इंस्पेक्टर अश्विनी को ब्लड प्रेशर और हार्ट की समस्या थी। डॉक्टर ने उन्हें पीठ दर्द के कारण लंबे समय तक तैरने से मना किया था। इसके बावजूद वे रोजाना स्विमिंग करते थे।
पुलिस अब सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। मौत के कारणों का पता पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद चलेगा। जांच में आत्महत्या, हादसा या साजिश जैसी सभी संभावनाओं को देखा जा रहा है।