यूपी बीजेपी अध्यक्ष पंकज चौधरी ने सोमवार को पूर्व राज्यसभा सांसद और बजरंग दल के पूर्व संयोजक विनय कटियार से मुलाकात की। इस मुलाकात को 2027 विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। इसके बाद राजनीतिक हलकों में यह चर्चा तेज हो गई है कि फायरब्रांड हिंदू नेता की छवि रखने वाले विनय कटियार एक बार फिर यूपी की सक्रिय राजनीति में लौट सकते हैं।
विनय कटियार का बयान
मुलाकात को लेकर विनय कटियार ने कहा कि उन्होंने अभी दोबारा चुनावी राजनीति में लौटने का कोई फैसला नहीं किया है।उन्होंने कहा, “वक्त आने पर सब बताया जाएगा। फिलहाल मैं अपने काम में संतुष्ट हूं। यूपी बीजेपी अध्यक्ष से मेरा पुराना पारिवारिक नाता है और उनसे मिलकर अच्छा लगा।”
कटियार ने यह भी स्पष्ट किया कि वह जातीय राजनीति में विश्वास नहीं रखते और पार्टी नेतृत्व को मजबूत करने की बात कही।
कुर्मी समाज और संगठनात्मक रणनीति
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कुर्मी समाज से आने वाले पंकज चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के पीछे सामाजिक संतुलन और संगठन को मजबूत करने की रणनीति है।बताया जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में कुर्मी समुदाय के एक वर्ग की नाराजगी से बीजेपी को नुकसान हुआ था। ऐसे में पार्टी अब अनुभवी और प्रभावशाली नेताओं को फिर से जोड़ने की कोशिश में जुटी है।
विनय कटियार भी कुर्मी समुदाय से आते हैं और लंबे समय तक अयोध्या को अपनी कर्मभूमि बता चुके हैं। ऐसे में यह मुलाकात बीजेपी के अंदरखाने में पुराने नेताओं को दोबारा सक्रिय करने की पहल के रूप में देखी जा रही है।








