UP में MBBS फीस बढ़ोतरी पर बवाल: डॉक्टर बनने का सपना क्यों हो रहा महंगा?
भक्ति पाटील और आन्या का संघर्ष
महाराष्ट्र की भक्ति पाटील ने सत्र 2024-25 में कानपुर के रामा मेडिकल कॉलेज में MBBS में दाखिला लिया। प्रवेश के समय MBBS फीस 12.66 लाख रुपए थी, लेकिन बीच सत्र में कॉलेज ने फीस बढ़ाकर 15.19 लाख कर दी।इसी तरह, हापुड़ के जीएस मेडिकल कॉलेज में आन्या पोरवाल और 239 छात्रों ने फीस बढ़ोतरी को हाईकोर्ट में चुनौती दी। यहां फीस 11.78 लाख से 14.14 लाख रुपए कर दी गई थी। कोर्ट ने इस पर रोक लगाई, लेकिन अन्य 16 कॉलेजों में छात्रों को राहत नहीं मिली।
हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद क्यों बढ़ी फीस?
UP के 17 प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों ने बीच सत्र में फीस बढ़ा दी, जिससे 3600 छात्रों पर 350 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ गया। नीट के नियम के मुताबिक, 3 साल में केवल 15% फीस बढ़ाई जा सकती है, लेकिन कॉलेजों ने 20% तक इजाफा किया।
छात्रों और अभिभावकों का आरोप है कि प्रशासन की लापरवाही और फीस नियामक समिति की कमजोरियों का फायदा उठाकर कॉलेज मनमानी कर रहे हैं।
पेरेंट्स की नाराजगी और डॉक्टर बनने की मुश्किल
छात्रों के माता-पिता का कहना है कि अचानक फीस बढ़ोतरी से उनके बच्चों का डॉक्टर बनने का सपना खतरे में पड़ गया है। मध्यमवर्गीय परिवार एजुकेशन लोन लेकर मुश्किल से पढ़ाई करवा रहे हैं। अब 12 से 15 लाख रुपए का अतिरिक्त बोझ उठाना उनके लिए असंभव है।
एक पेरेंट ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर फीस कम करने की अपील भी की है।
सरकार और कॉलेजों की दलील
प्रदेश सरकार और प्राइवेट कॉलेजों का कहना है कि फीस बढ़ोतरी यूपी प्राइवेट प्रोफेशनल एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस एक्ट 2006 के तहत की गई है और यह उचित है। प्रवेश के समय छात्रों को प्रोविजनल फीस की जानकारी दी गई थी।
हॉस्टल और अतिरिक्त शुल्क से बढ़ी परेशानी
ट्यूशन फीस के साथ हॉस्टल और अन्य शुल्क भी बढ़ा दिए गए हैं। नॉन-एसी हॉस्टल का शुल्क 1.50 लाख से 1.65 लाख और एसी हॉस्टल का 1.75 लाख से 1.92 लाख कर दिया गया। इसके अलावा 75 हजार से 1 लाख रुपए तक परीक्षा शुल्क अलग से वसूला जा रहा है।