उत्तर प्रदेश में गोशालाओं के निरीक्षण के दौरान भूसा और हरे चारे की राशि के दुरुपयोग और टेंडर प्रक्रिया में लापरवाही के मामले सामने आने के बाद पशुधन विभाग ने सख्ती बढ़ा दी है। UP Gaushala व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए विभाग ने सभी जिलों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
पशुधन विभाग के प्रमुख सचिव के अनुसार, अब प्रति गोवंश प्रतिदिन 50 रुपये की लागत में
3 किलो भूसा,
5 किलो हरा चारा,
500 ग्राम पशु आहार
देना अनिवार्य होगा।
हरा चारा न मिलने पर वैकल्पिक व्यवस्था
यदि किसी गोशाला में हरा चारा उपलब्ध नहीं होता है, तो उसके स्थान पर
3 किलो साइलेज,
2 किलो भूसा,
500 ग्राम पशु आहार देना जरूरी किया गया है।
प्रदेश में 12.40 लाख गोवंश संरक्षित
प्रदेश के 7549 गोआश्रय स्थलों में फिलहाल 12.40 लाख गोवंश संरक्षित हैं। विभाग ने निर्देश दिए हैं कि पशु आहार और चारे की गुणवत्ता की जांच पशुधन विभाग और कृषि विश्वविद्यालयों के माध्यम से कराई जाए।
किसानों से सीधी खरीद की अनुमति
हरे चारे की सतत उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए किसानों से एमओयू के जरिए सीधी खरीद की अनुमति दी गई है। तय दरों पर खरीदे गए चारे का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में किया जाएगा।
31 मार्च तक टेंडर अनिवार्य
पशुधन विभाग ने सभी जिलाधिकारियों और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि पशु आहार से जुड़े सभी टेंडर 31 मार्च तक हर हाल में पूरे किए जाएं। तय समयसीमा का पालन न होने पर एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।








