Rajasthan News: जयपुर बस हादसे ने खोली देश की परिवहन व्यवस्था की पोल, 40 बार कटा चालान और फिर भी चलती रही ‘मौत की बस’
राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक प्राइवेट स्लीपर बस आग का गोला बन गई, जिसने देश की परिवहन व्यवस्था (RTO System) की पोल खोलकर रख दी है।यह बस उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से जयपुर पहुंची थी — बिना वैध परमिट और टैक्स के!
40 बार चालान, फिर भी सड़क पर दौड़ती रही बस
जांच में खुलासा हुआ कि इस बस का ऑल इंडिया परमिट 21 अप्रैल को ही खत्म हो गया था,जबकि सड़क टैक्स सितंबर में समाप्त हो चुका था।इसके बावजूद बस 529 किलोमीटर का सफर तय करके जयपुर पहुंच गई।बस पर 40 बार ओवरलोड और हाईस्पीड के चालान कट चुके थे।छत पर 4 फीट ऊंचाई तक 10 सिलेंडर और बाइक लदी हुई थीं,फिर भी यूपी से राजस्थान तक किसी भी RTO ने जांच नहीं की।
जयपुर हादसे में तीन की मौत, 10 घायल
मंगलवार को जयपुर जिले के मनोहरपुर इलाके मेंयह बस हाईटेंशन बिजली के तारों के संपर्क में आ गई, जिससे भीषण आग लग गई।इस हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हुए।बस में 50 से अधिक मजदूर सवार थे।
‘मौत की बस’ ने उजागर की RTO और सिस्टम की लापरवाही
बस मोडिफाई कर स्लीपर बस बनाई गई थी, जिसकी लंबाई और ऊंचाई बढ़ाई गई थी।यहां तक कि इमरजेंसी गेट बंद कर दिया गया था।विशेषज्ञों के मुताबिक,“अगर बस की समय पर जांच होती, तो यह हादसा टल सकता था।”
कानून की खामी और कमजोर जुर्माना
परिवहन कानून के तहत ओवरलोड पर सिर्फ ₹6000 का जुर्माना है।यह कम सज़ा बस मालिकों को लापरवाह बनाती है, जिससे हादसे बढ़ रहे हैं।हादसे ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा, RTO निगरानी,और परिवहन सुधारों की तत्काल ज़रूरत पर सवाल खड़े किए हैं।








