उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित Unnao Rape Case में सजा काट रहे पूर्व विधायक Kuldeep Singh Sengar को बड़ी कानूनी राहत मिली है। Delhi High Court ने उनकी उम्रकैद की सजा पर रोक लगाते हुए उन्हें जमानत दे दी है।
सजा सस्पेंड, जमानत पर रिहाई
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कुलदीप सेंगर की सजा को सस्पेंड करते हुए कहा कि अपील लंबित रहने तक यह राहत प्रभावी रहेगी। अदालत ने सेंगर को 15 लाख रुपये के पर्सनल बॉन्ड और इतनी ही राशि की तीन जमानतों पर रिहा करने का निर्देश दिया है।
पीड़िता से दूरी और सख्त शर्तें
कोर्ट ने जमानत के साथ कई कड़ी शर्तें भी लगाई हैं। आदेश के मुताबिक:
सेंगर पीड़िता के 5 किलोमीटर के दायरे में नहीं जा सकेगा
उसे अपना पासपोर्ट कोर्ट में जमा करना होगा
हर सोमवार संबंधित थाने में हाजिरी देनी होगी
पीड़िता या उसके परिवार को किसी भी तरह से धमकाने या संपर्क करने पर रोक रहेगी
Unnao Rape Case: क्या है पूरा मामला
यह मामला वर्ष 2017 का है, जब उन्नाव की एक नाबालिग लड़की ने तत्कालीन भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाया था। मामला उस वक्त देशभर में सुर्खियों में आ गया, जब न्याय न मिलने से आहत पीड़िता ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर आत्मदाह की कोशिश की।इसके बाद पीड़िता के पिता की पुलिस कस्टडी में मौत और फिर पीड़िता की कार का संदिग्ध एक्सीडेंट होने से पूरे देश में भारी आक्रोश देखने को मिला।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली ट्रांसफर
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए Supreme Court of India के निर्देश पर केस को उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर किया गया।वर्ष 2019 में दिल्ली की निचली अदालत ने कुलदीप सेंगर को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा और 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।








