
सावन का तीसरा सोमवार हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र और शक्ति देने वाला दिन माना जाता है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना का महत्व है। श्रद्धालु व्रत रखते हैं और शिवलिंग पर गंगाजल, बेलपत्र और दूध अर्पित कर पुण्य प्राप्त करते हैं।
मुख्य कारण जो इस दिन को विशेष बनाते हैं:
शिव उपासना का श्रेष्ठ दिन
मान्यता है कि सावन का तीसरा सोमवार भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सबसे शुभ होता है। इस दिन उपवास रखने और रुद्राभिषेक करने से जीवन के सारे दुख दूर हो जाते हैं।गंगाजल और बेलपत्र से जलाभिषेक
इस दिन विशेष रूप से गंगाजल, दूध, दही, शहद और बेलपत्र से शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है। यह अभिषेक पापों के नाश और सकारात्मक ऊर्जा के लिए अत्यंत फलदायक माना गया है।व्रत और संकल्प की पूर्णता
जो भक्त सावन सोमवार व्रत रखते हैं, उनके लिए यह तीसरा सोमवार विशेष फलदायक होता है। इस दिन का व्रत प्रेम, विवाह, संतान और स्वास्थ्य से जुड़ी इच्छाओं की पूर्ति करता है।कांवड़ियों की आस्था का चरम
इस दिन बड़ी संख्या में कांवड़िए शिव मंदिरों में जल चढ़ाने आते हैं। उनका उत्साह और भक्ति सावन के तीसरे सोमवार को और भी खास बना देती है।
सावन के तीसरे सोमवार की विशेषताएं
भगवान शिव की विशेष कृपा
मान्यता है कि सावन का तीसरा सोमवार विशेष ज्योतिषीय महत्व रखता है। इस दिन भगवान शिव को जलाभिषेक करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
रुद्राभिषेक और मंत्रों का प्रभाव
इस दिन किए गए रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय मंत्र और शिव चालीसा का पाठ जीवन में सुख-शांति लाता है।
विवाह और प्रेम में सफलता
अविवाहित लड़कियां शिव जी का व्रत रखकर अच्छा जीवनसाथी पाने की कामना करती हैं। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए पूजा करती हैं।
कांवड़ यात्रा का चरम उत्साह
उत्तर भारत में कांवड़ियों की भीड़ इस दिन शिवालयों की ओर बढ़ती है। हर-हर महादेव और बम-बम भोले के जयघोष वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देते हैं।