
सावन मास का भौम प्रदोष व्रत आज मंगलवार, 22 जुलाई 2025 को पूरे देश में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जा रहा है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष कृपा पाने का उत्तम अवसर माना जाता है। भौम प्रदोष व्रत का योग तब बनता है जब मंगलवार को प्रदोष तिथि पड़ती है। यह व्रत मंगल दोष और रोग-शोक से मुक्ति दिलाने वाला होता है।
व्रत का महत्व:
भौम प्रदोष व्रत करने से न केवल भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, बल्कि जातक के जीवन में चल रहे संकट भी समाप्त होते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह व्रत करने से शिव भक्त को मानसिक शांति, आरोग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
पूजन का शुभ मुहूर्त:
प्रदोष काल: शाम 6:58 बजे से रात 8:59 बजे तक (22 जुलाई 2025 को)
शिव पूजन का सर्वश्रेष्ठ समय: शाम 7:15 बजे से रात 8:45 बजे तक
इस दौरान भगवान शिव को बिल्वपत्र, जल, दूध, शहद, दही, घी और गंगाजल से अभिषेक करना अत्यंत फलदायी होता है।
पूजन विधि:
दिनभर व्रत रखने के बाद शाम को स्नान करें।
साफ वस्त्र पहनकर शिवलिंग का जलाभिषेक करें।
धूप, दीप, नैवेद्य, बेलपत्र, भस्म और सफेद फूल चढ़ाएं।
“ॐ नमः शिवाय” का जप कम से कम 108 बार करें।
कथा श्रवण करें और आरती करें।
इस बार भौम प्रदोष व्रत मंगलवार और सावन मास दोनों के संयोग में पड़ रहा है, जो इसे अत्यंत पुण्यदायी बना रहा है। शास्त्रों के अनुसार, ऐसा संयोग अत्यंत दुर्लभ होता है और इसका लाभ लेने के लिए श्रद्धा पूर्वक व्रत रखना अत्यंत शुभ माना गया है।