सूर्य ग्रहण की तिथि और समय
21 सितंबर 2025 को सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या पर सूर्य ग्रहण लगेगा। भारतीय समयानुसार यह ग्रहण रात 11:00 बजे से 3:24 बजे तक रहेगा। यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहाँ सूतक काल लागू नहीं होगा। जिन क्षेत्रों में यह ग्रहण दिखाई देगा, वहाँ ग्रहण शुरू होने से 12 घंटे पहले सूतक प्रारंभ होगा और ग्रहण समाप्त होने तक रहेगा। प्रमुख दृश्य देश हैं – न्यूजीलैंड, पश्चिमी अंटार्कटिका, दक्षिण अमेरिका, फिजी, चिली और अर्जेंटीना।
पितृ पक्ष और अमावस्या का महत्व
पितृ पक्ष पूर्वजों को याद करने और उनके लिए धर्म-कर्म करने का अवसर है। इस दौरान घर-परिवार के मृत सदस्यों को पितर देव माना जाता है। पितृ पक्ष में धूप-ध्यान, श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने की परंपरा है। यह दिन पितरों की आत्मा की शांति और पुण्य कार्यों के लिए विशेष महत्व रखता है।
21 सितंबर 2025 को करें ये शुभ कार्य
पूरे दिन पितृ तर्पण और पिंडदान करें।
घर में धूप-ध्यान और पवित्र जल से स्नान करें।
दान: अनाज, वस्त्र, धन और बच्चों की पढ़ाई से जुड़ी सामग्री।
गौशाला दान: गायों की देखभाल और हरी घास खिलाना।
पूजा विधि: हनुमान जी और शिवलिंग पर जल चढ़ाएँ, हनुमान चालीसा और ऊँ नमः शिवाय मंत्र का जप करें।
श्रीकृष्ण अभिषेक: माखन-मिश्री का भोग और कृष्णाय नम: मंत्र का जप करें।
पवित्र नदियों में स्नान जैसे गंगा, यमुना, नर्मदा, शिप्रा या घर पर गंगाजल का प्रयोग करें।
कहां-कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण
यह ग्रहण दक्षिण अमेरिका, उत्तरी अमेरिका के दक्षिणी भाग, प्रशांत महासागर, एटलांटिक महासागर, न्यूजीलैंड और फिजी में दिखाई देगा। प्रमुख देशों में चिली, अर्जेंटीना, ब्राज़ील, मैक्सिको, पेरू, न्यूजीलैंड और फिजी शामिल हैं। केवल दक्षिणी चिली और दक्षिणी अर्जेंटीना में कंकण कृति दिखाई देगी।