UP News: संभल में CM योगी का विकास प्लान लागू, तीर्थ-कूपों का कायाकल्प और CCTV कंट्रोल सेंटर शुरू
हिंसा के बाद अति संवेदनशील माने जाने वाले संभल में अब “बदलते संभल” की तस्वीर उभरने लगी है। प्रदेश सरकार के निर्देश पर जिले में तीर्थों और प्राचीन कूपों का कायाकल्प, सुरक्षा व्यवस्था का मज़बूतीकरण और शहर में CCTV आधारित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की शुरुआत कर दी गई है।
मुख्यमंत्री द्वारा संभल के तीर्थों और ऐतिहासिक कूपों के पुनर्विकास के दिशा-निर्देश के बाद अब उनका विजन प्लान जमीन पर उतरता दिख रहा है। पहले चरण में शहर के एक प्राचीन चतुर्मुख कूप का विकास कर उसका लोकार्पण किया गया है, जिसे राजस्थानी पत्थरों और नई डिज़ाइन के साथ भव्य स्वरूप दिया गया है। जल्द ही प्राचीन यमतीर्थ भी नए स्वरूप में तैयार होगा।
तीर्थों और कूपों का कायाकल्प—नया पहचान की ओर कदम
प्राचीन स्थलों की खुदाई, सफाई और संरचना सुधार
मुख्य द्वार, शिल्पकारी, लाइटिंग और परिसर सौंदर्यीकरण
ऐतिहासिक कूपों को पर्यटन एवं आस्था स्थलों के रूप में विकसित करना
तीर्थ-कूप विकास को संभल की नई पहचान बनाना
जिले में चल रहे अभियान के तहत कई तीर्थों और कूपों के पुनर्विकास कार्य तेजी से चल रहे हैं। ग्रेनाइट पत्थरों, कलात्मक पेंटिंग व नई सीमा दीवारों के साथ इन स्थलों को नया स्वरूप दिया जा रहा है।
इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर—शहर की 24×7 निगरानी
संभल में सुरक्षा और मॉनिटरिंग को मजबूत करने के लिए 250+ CCTV कैमरों और कई PTZ कैमरों से युक्त इंटीग्रेटेड कंट्रोल सेंटर शुरू किया गया है।
कंट्रोल रूम में लगी बड़ी स्क्रीन पर—
तीर्थ क्षेत्र
कूपों के आसपास की गतिविधियाँ
भीड़भाड़ और संवेदनशील इलाके
ट्रैफिक और मुख्य चौराहों
की रियल-टाइम निगरानी की जा रही है।
यह सेंटर महिला सुरक्षा, स्मार्ट सिटी मॉडल, और अपराध नियंत्रण के लिए अहम कदम साबित होगा।
101 फीट ऊंचे तिरंगे से बदली संभल की तस्वीर
संभल के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को उजागर करने के साथ-साथ शासन ने 400 मीटर की दूरी पर स्थित एक विवादित धार्मिक स्थल के पास 101 फीट ऊंचा तिरंगा स्थापित कर राष्ट्रभक्ति का संदेश भी दिया है।
तिरंगे के फहराने के साथ लोगों ने देशभक्ति के नारे लगाए, जिससे संभल के वातावरण में नया उत्साह और गौरव जुड़ा।
संभल का पुनरुद्धार—अयोध्या और काशी मॉडल पर विकास
सरकार की योजना के अनुसार—
संभल को अयोध्या और काशी की तर्ज पर पुनर्विकसित किया जाएगा।
विदेशी आक्रमणों के कारण ध्वस्त हुए तीर्थों और कूपों का पुनर्निर्माण कराया जा रहा है।
ऐतिहासिक महत्व वाले 80+ से अधिक स्थलों की पहचान कर विकास कार्य शुरू कर दिया गया है।
संभल को तीर्थ नगरी, आस्था का केंद्र, और धार्मिक-पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में कार्य चल रहा है।








