यह सवाल परंपरा, आस्था और सुंदरता से गहराई से जुड़ा है। रक्षाबंधन सिर्फ भाई-बहन के रिश्ते का पर्व नहीं, बल्कि महिलाओं के श्रृंगार और धार्मिक भावनाओं का भी प्रतीक है। आइए जानते हैं इसकी धार्मिक और सांस्कृतिक वजहें:
1. शुभता और सौभाग्य का प्रतीक
मेहंदी को हिन्दू धर्म में शुभ और मांगलिक माना गया है। रक्षाबंधन जैसे पवित्र त्योहार पर मेहंदी लगाने से सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा घर में आती है।
2. भाई की लंबी उम्र और सुरक्षा की कामना
मान्यता है कि रक्षाबंधन पर बहनें जो कुछ भी करती हैं—वो भाई की लंबी उम्र और रक्षा के लिए होता है। मेहंदी का गहरा रंग इस रिश्ते की मजबूती और स्नेह का संकेत माना जाता है।
3. पारंपरिक श्रृंगार का हिस्सा
त्योहारों पर महिलाओं का सजना-संवरना हमारी संस्कृति का हिस्सा है। मेहंदी, चूड़ी, बिंदी, साड़ी और गहने—ये सभी स्त्रियों के पारंपरिक श्रृंगार में आते हैं, जो रक्षाबंधन पर खास मायने रखते हैं।
4. मन और शरीर को शांति देने वाली
मेहंदी की तासीर ठंडी होती है। इसे लगाने से तनाव कम होता है, और मन शांत रहता है। त्योहार के उत्साह के बीच यह एक प्राकृतिक आराम देने वाला उपाय भी है।
5. परंपरा और पीढ़ियों से जुड़ी विरासत
रक्षाबंधन पर मेहंदी लगाना सिर्फ एक फैशन नहीं, बल्कि सदियों से चली आ रही परंपरा है जिसे हर पीढ़ी आगे बढ़ा रही है। यह मां, बहन और बेटी के रिश्ते को भी सांस्कृतिक रूप से जोड़ता है।