Prayagraj News: लाइब्रेरी में घंटों बैठने से युवाओं में बढ़ रहा कमर दर्द
Prayagraj News: प्रयागराज में पिछले डेढ़-दो सालों में कमर दर्द के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। खास बात यह है कि इसमें सबसे ज्यादा प्रभावित युवा हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, लगभग 40% युवा इस समस्या से जूझ रहे हैं। इनमें से ज्यादातर 20 से 35 वर्ष की उम्र के प्रतियोगी छात्र हैं, जो प्रतिदिन लाइब्रेरी में 8 से 10 घंटे लगातार बैठकर पढ़ाई करते हैं। यही वजह है कि लाइब्रेरी में बैठने से दर्द की समस्या तेज़ी से बढ़ रही है।
स्थानीय अस्पतालों की ओपीडी में ऐसे कई युवा इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार, फिजियोथेरेपी कराने वालों में सबसे ज्यादा संख्या युवाओं की है। उनकी हिस्ट्री पूछने पर साफ होता है कि लंबे समय तक लाइब्रेरी में बैठने से दर्द की शुरुआत होती है, जो धीरे-धीरे असहनीय हो जाता है।
प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि वे प्रतिदिन सुबह से रात तक लाइब्रेरी में पढ़ाई करते हैं। लंबे समय तक कुर्सी पर बैठने से उनकी रीढ़ की हड्डी और कमर में दर्द शुरू हो जाता है। कई युवाओं ने बताया कि उन्हें गर्दन और कमर दोनों जगह दर्द की परेशानी होने लगी है।
हड्डी रोग विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार मोबाइल और लैपटॉप पर झुककर काम करना और लाइब्रेरी में लंबे समय तक बैठना युवाओं के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। यदि कमर दर्द तीन सप्ताह से ज्यादा समय तक बना रहे, तो इसे हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर इलाज न मिलने पर यह साधारण दर्द स्पाइनल डिस्क या सर्वाइकल जैसी गंभीर बीमारी का रूप ले सकता है।
विशेषज्ञों की सलाह है कि छात्रों को बीच-बीच में कुर्सी से उठकर आराम करना चाहिए, नियमित एक्सरसाइज करनी चाहिए और दूध, हरी सब्जियां व प्रोटीन युक्त आहार लेना चाहिए। इस तरह के छोटे-छोटे बदलाव से लाइब्रेरी में बैठने से दर्द और अन्य समस्याओं से काफी हद तक बचा जा सकता है।








