मुहर्रम के अवसर पर लखनऊ के फूल मंडी चौक में आयोजित ताजिया जुलूस के दौरान बड़ा हादसा हो गया। जैसे ही जुलूस फूल मंडी क्षेत्र में पहुंचा, अचानक एक पुराने बिजली के खंभे में करंट आ गया, जिससे वहां मौजूद दो लोग उसकी चपेट में आकर बुरी तरह झुलस गए। घटना के तुरंत बाद मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनका इलाज जारी है।
यह हादसा न केवल धार्मिक आयोजन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि प्रशासन की घोर लापरवाही और तकनीकी निगरानी की कमी को भी उजागर करता है।
हादसे का पूरा विवरण
प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी मुहर्रम के अवसर पर लखनऊ शहर में विभिन्न स्थानों से ताजियों के जुलूस निकाले गए। फूल मंडी चौक पर जब जुलूस पहुंचा, तब बड़ी संख्या में श्रद्धालु, बच्चे, बुजुर्ग और ताजियादार मौजूद थे। इसी दौरान अचानक एक बिजली के खंभे में करंट दौड़ गया। लोगों के अनुसार खंभा पहले से ही जर्जर अवस्था में था और उसकी वायरिंग भी काफी समय से खुली हुई थी।
प्रत्यक्षदर्शी लोगों ने बताया कि जिस वक्त हादसा हुआ, वहां सैकड़ों लोग मौजूद थे। करंट की चपेट में आए दो व्यक्ति जमीन पर गिर पड़े और उन्हें झटके लगने लगे। वहां मौजूद लोगों में अफरा-तफरी मच गई और जुलूस को कुछ देर के लिए रोक दिया गया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत घायलों को अस्पताल पहुंचाया।
बिजली विभाग और नगर निगम पर लापरवाही का आरोप
स्थानीय निवासियों और आयोजकों का आरोप है कि इस हादसे के लिए सीधे तौर पर बिजली विभाग और नगर निगम जिम्मेदार हैं। क्षेत्र में कई दिनों से बिजली के खंभों की स्थिति खराब थी और कई तार खुले पड़े थे। लोगों ने पहले भी इसकी शिकायतें दर्ज कराई थीं, लेकिन न तो वायरिंग सुधारी गई और न ही खंभों की मरम्मत की गई।
एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हमने कई बार अधिकारियों को बताया कि खंभों में करंट उतर रहा है और तार खुले हैं। मगर कोई कार्यवाही नहीं की गई। अब जब दो लोग अस्पताल में हैं, तब जाकर शायद विभाग जागेगा।”
नगर निगम की ओर से अभी तक कोई औपचारिक बयान नहीं आया है, लेकिन स्थानीय पार्षद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह जांच कराएंगे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करेंगे।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
घटना के दौरान जुलूस में सुरक्षा के लिए तैनात पुलिसकर्मी सक्रिय नजर आए। हादसे के तुरंत बाद उन्होंने भीड़ को नियंत्रित किया और घायलों को एंबुलेंस द्वारा अस्पताल पहुंचाया। पुलिस ने इलाके को तुरंत घेर लिया और बिजली आपूर्ति काट दी, जिससे किसी और को नुकसान न हो।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे घटना की पूरी जानकारी जुटा रहे हैं और विद्युत विभाग से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी गई है।

सोशल मीडिया पर नाराजगी
हादसे के बाद यह खबर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लोगों ने प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि हर साल धार्मिक आयोजनों के दौरान सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन हकीकत में कुछ नहीं होता।
कई लोगों ने यह भी पूछा कि यदि इस तरह की घटनाएं त्योहारों के दौरान होती रहीं तो आम जनता कैसे सुरक्षित महसूस करेगी? कुछ पोस्ट्स में यह भी मांग की गई कि इलाके के सभी खंभों की तुरंत जांच की जाए।
घायलों की स्थिति
घायलों में एक युवक की हालत स्थिर बताई जा रही है, जबकि दूसरे की हालत नाजुक बनी हुई है। डॉक्टरों की टीम लगातार इलाज में जुटी हुई है। उनके परिवारजनों का कहना है कि उन्हें इस बात का बिल्कुल अंदाज़ा नहीं था कि धार्मिक अवसर पर ऐसा कोई हादसा हो सकता है।
क्या कहता है प्रशासन?
शाम तक न तो बिजली विभाग और न ही नगर निगम की ओर से कोई आधिकारिक प्रेस रिलीज़ जारी की गई थी। हालांकि, कुछ अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने निरीक्षण शुरू किया। प्रारंभिक जांच में खंभे की वायरिंग में तकनीकी खराबी की बात सामने आई है।
इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि प्रशासनिक तैयारियों में गंभीर कमियां हैं, खासकर ऐसे समय में जब भीड़-भाड़ वाले धार्मिक आयोजन हो रहे हों। अगर समय रहते खंभों और तारों की जांच कर ली जाती तो शायद यह हादसा टल सकता था।