Navratri 2025 (नवरात्र 2025) भारत के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है। साल में दो बार नवरात्र आते हैं, लेकिन शारदीय नवरात्र का खास महत्व है। नौ दिनों तक देवी दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है।
इस पर्व का महत्व केवल धार्मिक नहीं है, बल्कि इसके पीछे प्रकृति, स्वास्थ्य और जीवन संतुलन से जुड़ी कई वैज्ञानिक वजहें भी छिपी हैं
प्रकृति और चंद्रमा का संबंध
नवरात्र हमेशा मौसम बदलने के समय आता है: गर्मियों की शुरुआत से पहले और सर्दियों से पहले।
यह समय शरीर और मन के लिए सबसे संवेदनशील होता है।
नौ दिन चंद्रमा के एक चक्र (अमावस्या से नवमी तक) का प्रतीक हैं।
प्राचीन ऋषियों के अनुसार, यह समय शरीर और मन को शुद्ध करने और मौसम के अनुसार ढालने के लिए पर्याप्त है।
उपवास और स्वास्थ्य लाभ
- नवरात्र में उपवास केवल धार्मिक नहीं, बल्कि वैज्ञानिक कारणों से भी जुड़ा है।
- मौसम बदलने पर पाचन धीमा होता है, इसलिए हल्का और सात्विक भोजन जैसे फल, मेवे, कुट्टू का आटा और समक के चावल खाने की परंपरा है।
लाभ:
- शरीर डिटॉक्स होता है
- पाचन में सुधार
- इम्यून सिस्टम मजबूत
- आसान भाषा में: उपवास शरीर और मन दोनों के लिए फायदेमंद है।
देवी के नौ रूप और जीवन के नौ पाठ
दिन | देवी का रूप | जीवन का संदेश |
---|---|---|
दिन 1 | ऊर्जा | नई शुरुआत की ताकत |
दिन 2 | ज्ञान | सही मार्गदर्शन |
दिन 3 | साहस | डर से लड़ने की क्षमता |
दिन 4 | करुणा | दूसरों के लिए दया |
दिन 5 | अनुशासन | विकास का आधार |
दिन 6 | सहनशक्ति | कठिनाइयों को झेलने की ताकत |
दिन 7 | धैर्य | सही समय की प्रतीक्षा |
दिन 8 | भक्ति | आत्मसमर्पण की भावना |
दिन 9 | सिद्धि | पूर्णता और संतुलन |
परंपरा और विज्ञान का संगम
गरबा और डांडिया नृत्य: मनोरंजन के साथ बेहतरीन एक्सरसाइज, ब्लड सर्कुलेशन और एनर्जी बैलेंस में मदद।
दीप जलाने की परंपरा: वातावरण को शुद्ध करना, अंधकार दूर करना और कीड़े-मकौड़ों से सुरक्षा।
नौ रंग: हर दिन मूड और एनर्जी को प्रभावित करते हैं, जिससे उत्साह और उमंग बनी रहती है।