मुजफ्फरनगर में 15 करोड़ की जमीन विवाद का खुलासा: मृत रिश्तेदारों को ‘जिंदा’ दिखाकर फर्जी एफिडेविट लगाने का आरोप, पीड़ितों ने मांगी निष्पक्ष जांच
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में जमीन से जुड़ा एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। आरोप है कि एक जमीन विवाद में परिवार के तीन मृत सदस्यों को दस्तावेजों में ‘जिंदा’ दिखाकर उनके नाम से फर्जी एफिडेविट तहसील में जमा कराए गए। जमीन की अनुमानित कीमत करीब ₹15 करोड़ बताई जा रही है।
पीड़ित परिवार ने यह आरोप लगाया है कि लगभग 15 बीघा जमीन को अवैध तरीके से आबादी घोषित कराकर कब्जाने की कोशिश की गई। मामला सामने आने के बाद पीड़ितों ने एसएसपी कार्यालय पहुंचकर निष्पक्ष जांच की मांग की है।
पीड़ित परिवार का आरोप — 10–12 साल पहले मृत रिश्तेदारों को दस्तावेज़ में ‘जिंदा’ दिखाया गया
शिकायतकर्ता के अनुसार, जिन व्यक्तियों के नाम से एफिडेविट लगाए गए, वे 10–12 वर्ष पहले ही निधन हो चुका था। आरोप है कि फरवरी 2025 में उन्हें तहसील रिकॉर्ड में जीवित दिखाकर दस्तावेज़ प्रस्तुत किए गए।शिकायतकर्ताओं ने पुलिस कार्रवाई पर भी सवाल उठाए और कहा कि पहले दर्ज मुकदमे में महत्वपूर्ण धाराएँ लागू नहीं की गईं, जिससे आरोपियों को लाभ मिल रहा है।
SP ग्रामीण ने पुष्टि की—फर्जी एफिडेविट से जमीन लाभ लेने की कोशिश का मामला दर्ज
SP ग्रामीण आदित्य बंसल ने पुष्टि की है कि एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें मृत व्यक्तियों के दस्तावेज़ों का ग़लत तरीके से उपयोग किए जाने की शिकायत मिली है।
उन्होंने बताया कि—
मामला सीओ भोपा को जांच के लिए दिया गया
जांच रिपोर्ट के आधार पर
थाना भोपा में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है
SP ग्रामीण ने कहा कि प्रकरण की विस्तृत जांच चल रही है और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।








