
राजस्थान में फर्जी डिग्री स्कैम की एक और परत उस समय खुली, जब राज्य के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने गंगरार स्थित मेवाड़ यूनिवर्सिटी में अचानक छापा मारा। मंत्री ने बीएससी एग्रीकल्चर कोर्स की सच्चाई उजागर करते हुए कहा कि यह संस्थान अब “फर्जी डिग्रियों की फैक्ट्री” बन चुका है।
बिना परीक्षा, बिना पढ़ाई – सीधा फर्स्ट डिवीजन!
मंत्री को मिली शिकायतों के आधार पर जांच में सामने आया कि छात्रों को बिना JET एंट्रेंस एग्जाम दिए सीधे एडमिशन दे दिया जा रहा था। सिर्फ 2 घंटे की पढ़ाई में ही छात्रों को फर्स्ट डिवीजन से पास किया जा रहा था।
निरीक्षण के दौरान मंत्री को कई ऐसी उत्तर पुस्तिकाएं मिलीं, जिनमें गलत उत्तर होने के बावजूद छात्रों को पास कर दिया गया था।
मान्यता और आधारभूत ढांचे पर सवाल
जांच में यह भी सामने आया कि संस्थान ने आज तक ICAR से मान्यता नहीं ली, जबकि 2022 में इसके लिए वादा किया गया था। लैब, फार्म, प्रोफेसर्स और स्टाफ से जुड़े बुनियादी मानकों का घोर अभाव पाया गया।
फार्म हाउस परिसर से बाहर था
ट्रैक्टर लीज पर दिखाया गया
योग्य फैकल्टी की नियुक्ति नहीं की गई
फर्जी डिग्री और स्टाफ की नियुक्तियां
मंत्री मीणा ने बताया कि कुछ शिक्षकों की डिग्रियां ही संदेह के घेरे में हैं:
डॉ. मनोहर लाल ने डिग्री मिलने से पहले पढ़ाना शुरू कर दिया
निकिता जैन की डिग्री और नियुक्ति में गड़बड़ी
कई पीएचडी डिग्रियों में हस्ताक्षर और जानकारी में भारी विसंगतियां
कड़ी कार्रवाई की चेतावनी
मंत्री ने कहा कि यह फर्जी डिग्री स्कैम छात्रों और किसानों दोनों के भविष्य से खिलवाड़ है। उन्होंने स्पष्ट किया कि:
एफआईआर दर्ज की जाएगी
एसओजी जांच कराए जाने के निर्देश
दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी