मायावती का मिशन 2027 तेज़: लखनऊ में पिछड़ा वर्ग भाईचारा संगठन की बैठक, 250 पदाधिकारी जुटे
उत्तर प्रदेश में बसपा सुप्रीमो मायावती ने शनिवार को पिछड़ा वर्ग भाईचारा संगठन की अहम बैठक की।यह बैठक लखनऊ में आयोजित की गई, जिसमें लगभग 250 पदाधिकारी शामिल हुए।बैठक का उद्देश्य था – पिछड़ा वर्ग समाज को जोड़ने और संगठन को मजबूत करने की रणनीति तैयार करना।
250 पदाधिकारी पहुंचे, पिछड़े वर्ग को जोड़ने की रणनीति
बैठक में मायावती ने संगठन को बूथ स्तर पर सक्रिय करने की अपील की।पदाधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे अपने समाज के सभी सदस्यों को वोटर लिस्ट में शामिल करवाएं।सूत्रों के मुताबिक, बैठक में 75 जिलों के बामसेफ पदाधिकारी भी मौजूद थे, जिन्हें “शत-प्रतिशत मतदाता सूची नामांकन अभियान” की जानकारी दी गई।
मायावती अकेले दिखीं, आकाश आनंद और मिश्रा बैठक से नदारद
इस बड़ी बैठक में मायावती मंच पर अकेली नज़र आईं।बसपा के प्रमुख नेता आकाश आनंद और सतीश चंद्र मिश्रा शामिल नहीं हुए।पार्टी सूत्रों के अनुसार, आकाश आनंद बिहार चुनाव की तैयारियों में व्यस्त हैं, जिसकी वजह से वे बैठक में नहीं पहुंचे।
मायावती की लगातार सक्रियता, एक महीने में 5वां बड़ा कार्यक्रम
मायावती ने पिछले एक महीने में लगातार बैठकों और रैलियों का सिलसिला जारी रखा है।
9 अक्टूबर: लखनऊ में बड़ी रैली आयोजित की।
16, 19 और 30 अक्टूबर: लगभग 400 नेताओं के साथ रणनीतिक बैठकें कीं।
2 नवंबर: पिछड़ा वर्ग भाईचारा संगठन की बैठक में पहुंचीं।
यह मायावती का एक महीने में पांचवां बड़ा राजनीतिक कार्यक्रम है, जो इस बात का संकेत है कि बसपा अब 2027 के चुनावी मिशन की ओर तेज़ी से बढ़ रही है।
BSP का लक्ष्य – 2027 में सत्ता वापसी
बैठक में BSP प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि पार्टी का मुख्य लक्ष्य 2027 में मायावती को मुख्यमंत्री बनाना है।मायावती ने भी कहा कि “बसपा का मिशन केवल चुनाव नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और समान प्रतिनिधित्व का है।”








