हरियाणा के भिवानी में लेडी टीचर मनीषा का अंतिम संस्कार गुरुवार को संपन्न हुआ। मनीषा को उनके छोटे भाई नितेश (13) ने मुखाग्नि दी। इस दौरान पिता संजय फूट-फूट कर रोए और उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा।
मनीषा का शव सुबह 8 बजे भिवानी के सिविल अस्पताल से सीधे गांव ढाणी लक्ष्मण के श्मशान घाट लाया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण मनीषा को अंतिम विदाई देने पहुंचे और “मनीषा अमर रहे” के नारे लगाए। अंतिम संस्कार के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, जिसमें पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स तैनात रहे। बंद रास्तों को JCB की मदद से खोला गया।
भिवानी में अभी भी कानून और व्यवस्था को देखते हुए इंटरनेट बैन को 22 अगस्त सुबह 11 बजे तक बढ़ा दिया गया है। इससे पहले यह 19 अगस्त से 21 अगस्त तक लागू था। वहीं, चरखी दादरी से इंटरनेट बैन हटा लिया गया है।
मनीषा 11 अगस्त को घर से निकली थी और 13 अगस्त को उनकी लाश मिली। परिजनों ने हत्या की आशंका जताई। पहले भिवानी सिविल अस्पताल में पोस्टमॉर्टम कराया गया, लेकिन परिजन संतुष्ट नहीं हुए। इसके बाद PGI रोहतक और फिर दिल्ली AIIMS में तीसरी पोस्टमॉर्टम कराई गई। AIIMS की रिपोर्ट में कहा गया कि मनीषा ने आत्महत्या की।
मनीषा के अंतिम संस्कार के बाद सरकार ने भिवानी के SP मनबीर सिंह को हटाया और SHO समेत पांच पुलिसकर्मियों को लाइनहाजिर किया। परिजन और ग्रामीण CBI जांच की मांग पर अड़े रहे। मुख्यमंत्री ने बुधवार को CBI जांच की घोषणा की। DGP ने कहा कि अब आगे की जांच CBI करेगी और प्रक्रिया पूरी होने के बाद सभी दस्तावेज CBI को सौंपे जाएंगे।