लखनऊ पेट्रोल पंप ठगी: 62 लाख से अधिक की रकम हड़पी, मंत्री कोटे से पेट्रोल पंप लाइसेंस दिलाने का झांसा
लखनऊ के सरोजनी नगर इलाके में बड़ा पेट्रोल पंप लाइसेंस फ्रॉड सामने आया है। फर्रुखाबाद निवासी शराफत अली सिद्दीकी ने तीन लोगों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर 62.64 लाख रुपए की ठगी की। यह पूरा मामला अब लखनऊ पेट्रोल पंप ठगी के रूप में चर्चा में है।
कैसे रचा गया ठगी का जाल
शिकायतकर्ता शराफत अली की मुलाकात कुछ समय पहले रामनरेश यादव नामक व्यक्ति से हुई। रामनरेश ने भरोसा दिलाया कि उसकी हरदोई रोड स्थित जमीन पर पेट्रोल पंप लगवाया जा सकता है, क्योंकि उसके इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन में अच्छे संपर्क हैं।इसके बाद शराफत को दिल्ली ले जाया गया, जहां कौशल किशोर और प्रफुल्ल चंद्र मोहन मिश्रा उर्फ पी.सी. मोहन से मुलाकात कराई गई। दोनों ने खुद को इंडियन ऑयल का अधिकारी बताया और आश्वासन दिया कि वे मंत्री कोटे से पेट्रोल पंप लाइसेंस दिलवा देंगे।
62.64 लाख रुपए की वसूली
आरोपियों ने पीड़ित से किस्तों में रकम ली। शराफत अली ने कोटक महिंद्रा बैंक खाते में 32.99 लाख, पंजाब नेशनल बैंक में 22.15 लाख और दिल्ली में नकद 7 लाख रुपए दिए। कुल मिलाकर 62.64 लाख रुपए आरोपियों के पास पहुंचे।
फर्जी दस्तावेज और दिल्ली के होटल
शिकायत में बताया गया कि आरोपियों ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के फर्जी दस्तावेज तैयार किए और उन पर शराफत के हस्ताक्षर भी कराए। दिल्ली यात्रा के दौरान आरोपी और पीड़ित होटल में साथ रुके, जहां होटल रजिस्टर में रामनरेश यादव का नाम और आधार दर्ज है।
पीड़ित का आरोप: संगठित गिरोह
पीड़ित शराफत का कहना है कि रकम लेने के बाद आरोपियों ने संपर्क तोड़ दिया। वह मानता है कि यह एक संगठित गिरोह है, जो लोगों को मंत्री कोटे से पेट्रोल पंप लाइसेंस दिलाने का झांसा देकर ठगता है। पुलिस का कहना है कि दस्तावेजों की जांच की जा रही है और रिपोर्ट के आधार पर कड़ी कार्रवाई होगी।