फार्मा कंपनियों पर NDPS Act में बड़ी कार्रवाई: फर्जी बिलिंग से कोडीन सिरप की अवैध सप्लाई, औषधि विभाग की छापेमारी में खुलासा
फार्मा सेक्टर में NDPS Act के तहत बड़ी कार्रवाई
औषधि विभाग ने कोडीन युक्त कफ सिरप के अवैध कारोबार का बड़ा खुलासा किया है।जांच में सामने आया कि दो फार्मा कंपनियां सिस्टर कंसर्न के रूप में काम करते हुए फर्जी बिलिंग और निरस्त लाइसेंस के माध्यम से प्रतिबंधित दवाओं की सप्लाई कर रही थीं।
औषधि नियंत्रण प्राधिकरण ने दोनों कंपनियों के खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंसेस एक्ट (NDPS Act) और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
फर्जी बिलिंग से बना अवैध ड्रग नेटवर्क
जांच में पाया गया कि कंपनियों ने कोडीन युक्त सिरप जैसे नशीले पदार्थों की सप्लाई के लिए फर्जी ड्रग इनवॉइस और निरस्त लाइसेंस का इस्तेमाल किया।कई फार्मेसी स्टोर्स और मेडिकल डिस्ट्रीब्यूटर्स के नाम पर फर्जी बिल बनाए गए, जिनमें से कुछ वर्षों पहले ही बंद हो चुके थे।इन फर्जी बिलों का उपयोग कर दवाओं की अवैध डिलीवरी अन्य राज्यों में की गई, जहाँ उन्हें नशे के रूप में बेचा गया।
औषधि विभाग की जांच में बड़े खुलासे
औषधि विभाग की रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि दोनों फार्मा कंपनियां एक ही स्वामित्व समूह से जुड़ी थीं और संगठित तरीके से कोडीन सिरप की गैरकानूनी बिक्री कर रही थीं।फार्मा नेटवर्क के माध्यम से अवैध दवा वितरण, कूटरचित दस्तावेजों और फर्जी बुकिंग्स के साक्ष्य मिले हैं।विभाग ने इस पूरी प्रक्रिया को एक “सुनियोजित संगठित अपराध नेटवर्क” करार दिया है, जिसका उद्देश्य अधिक मुनाफा कमाने के लिए नियंत्रित औषधियों को बाजार में उतारना था।
जनस्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा
औषधि नियंत्रण प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार, इन कंपनियों ने क्वालिटी कंट्रोल, स्टोरेज और बिक्री से जुड़े सभी नियामक मानकों का उल्लंघन किया।कोडीन युक्त कफ सिरप जैसी दवाओं की गैर-चिकित्सीय बिक्री से नशे की लत बढ़ने और युवा वर्ग में मादक द्रव्यों के प्रसार की आशंका जताई गई है।विभाग ने इसे जनस्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बताया और कहा कि इस तरह के नेटवर्क समाज में नशे की प्रवृत्ति को बढ़ावा देते हैं।
NDPS Act और BNS की धाराओं में मामला दर्ज
जांच पूरी होने के बाद औषधि विभाग ने संबंधित कंपनियों पर NDPS Act की धाराएं 8, 21, 22, 25, 29 और BNS की प्रासंगिक धाराओं में केस दर्ज कराया।जांच एजेंसियों को आशंका है कि इस नेटवर्क के जरिए प्रतिबंधित औषधियों की सप्लाई कई राज्यों तक फैली हुई थी।संबंधित कंपनियों के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं और पूरा भंडारण जब्त कर लिया गया है।
फार्मा सेक्टर पर बढ़ी निगरानी
औषधि विभाग ने इस कार्रवाई को “फार्मा सेक्टर में अवैध दवा व्यापार के खिलाफ बड़ी कार्यवाही” बताया है।विभाग ने इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी है और सीबीआई या एसटीएफ स्तर की जांच की सिफारिश की है।साथ ही, पूरे राज्य में फर्जी दवा बिलिंग और अवैध भंडारण पर निगरानी बढ़ा दी गई है।








